केजरीवाल की डाइट पर वकील ने दी दलील; आम आदमी आम नहीं खाएगा तो क्या मशरूम खाएगा? फैसला सोमवार तक सुरक्षित

दिल्ली के CM अरविन्द केजरीवाल शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में है.शुक्रवार को कोर्ट में जेल के अंदर इंसुलिन मुहैया कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई. अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक सिंह सिंघवी ने तर्क दिया कि उनका मुवक्किल 22 वर्षों से मधुमेह से पीड़ित है जिसके लिए उसे प्रतिदिन इंसुलिन की आवश्यकता होती है।कोर्ट ने केजरीवाल की अर्जी पर फैसला सोमवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया है.

मिली जानकारी के मुताबिक, आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से जेल के अंदर इंसुलिन दिए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक सिंह सिंघवी ने तर्क दिया कि उनका मुवक्किल 22 वर्षों से मधुमेह से पीड़ित है जिसके लिए उसे प्रतिदिन इंसुलिन की आवश्यकता होती है। उनकी गिरफ्तारी 21 मार्च को हुई है।‌ उसके बाद यह सामान्य आधार है जिसका वो पालन करने में असमर्थ हैं। सिंघवी ने केजरीवाल के शुगर लेवल की निगरानी करने वाले चार्ट का हवाला दिया.

विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह 22 अप्रैल को इस पर अपना फैसला सुनाएंगी. हालांकि, इस दौरान उन्होंने तिहाड़ जेल और ईडी से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट कल पेश करने को कहा. इससे पहले केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि केजरीवाल की नई अर्जी की कॉपी ईडी को मुहैया करा दी गई है.

बता दे की सिंघवी ने दलील दी कि उनके मुवक्किल 22 साल से मधुमेह से पीड़ित हैं, जिसके लिए उन्हें रोजाना इंसुलिन की आवश्यकता होती है। उनकी गिरफ़्तारी 21 मार्च को हुई थी. उसके बाद, यह सामान्य आधार है जिसका वो पालन करने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि मेरा मुवक्किल बार-बार कह रहा है कि उनका डॉक्टर शुगर लेवल की निगरानी कर सकता है, इसकी लगातार निगरानी होनी चाहिए. सिंघवी ने केजरीवाल के शुगर लेवल की निगरानी के चार्ट का हवाला दिया.

ईडी के आम खाने वाले बयान पर सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल को सिर्फ तीन बार आम खाने जेल भेजा गया. 8 अप्रैल के बाद कोई आम नहीं भेजा गया. उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने चाय के साथ मधुमेह से पीड़ित होने के कारण उन्होंने अपनी चाय में शुगर फ्री का इस्तेमाल किया। ईडी ने लगाया आलू-पूरी खाने का आरोप. सिंघवी ने कहा कि यह पूरी तरह से गलत आरोप है. भेजे गए 48 भोजन में से केवल एक बार केजरीवाल ने नवरात्रि प्रसाद के रूप में आलू पुरी खाई.

सिंघवी ने कहा कि मैं अदालत से अनुरोध कर रहा हूं कि वह जेल अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दे कि पर्याप्त इलाज उपलब्ध कराया जाए. इसका मतलब यह नहीं कि मैं कैदी हूं, मुझे स्वास्थ्य का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि क्या मेरा मुवक्किल गैंगस्टर है? क्या वह कट्टर अपराधी है कि उन्हें अपने डॉक्टर के साथ रोजाना 15 मिनट की वीसी नहीं मिल सकती.

केजरीवाल के एक अन्य वकील रमेश गुप्ता ने कहा कि मैं पहली बार देख रहा हूं‌ कि जेल अधिकारियों की तरफ से भी विशेष अधिवक्ता उपस्थित हैं। आम आदमी ही आम खा रहा है। ‌आम आदमी आम नहीं खाएगा तो क्या मशरूम खाएगा?

हुसैन ने कहा कि प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर केजरीवाल ने पिछले कुछ वर्षों से इंसुलिन लेना बंद कर दिया है। जब केजरीवाल डॉक्टर से मिले तो उन्होंने खुद ये बात कही. इस पर सिंघवी ने कहा- नहीं, नहीं. आखिरी बार फरवरी 2024 में लिया गया। तब ED ने कहा- क्या मैं एक सुझाव दे सकता हूं? न तो सिंघवी और न ही मैं विशेषज्ञ हैं. एम्स के डॉक्टरों को सोचने दीजिए. याचिकाकर्ता कैसे विचार कर सकता है? एक मेडिकल बोर्ड से जांच कराई जाए कि केजरीवाल को क्या चाहिए.

इस पर सिंघवी ने आगे कहा- स्वास्थ्य मेरा अधिकार है। मैं 15 मिनट की वीसी मांग रहा हूं. मैं मेडिकल जमानत या अस्पताल में इलाज की मांग नहीं कर रहा हूं। इस पर ED ने कहा कि कानूनी मुलाकातों का पहले भी दुरुपयोग किया गया है। मुझे समझ नहीं आता कि वे स्वतंत्र जांच से क्यों कतरा रहे हैं? वे ऐसी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं जो विशेषज्ञों की राय के अनुरूप नहीं है. कोई भी डॉक्टर आपको इन खाद्य पदार्थों का सेवन करने के लिए नहीं कहेगा. कोई विशेष उपचार तब तक नहीं दिया जाना चाहिए जब तक यह न दिखाया जा सके कि जेल के अंदर उपचार नहीं दिया जा रहा है.

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