दिल का दौरा पड़े या महसूस हो इसके लक्षण तो तुरंत करें ये 7 काम, बच जाएगी जान

हार्ट अटैक का नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं, क्योंकि उन्होंने अपने आसपास सैकड़ों लोगों को हार्ट अटैक से मरते हुए देखा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर मरीज या उसके आसपास के लोग हार्ट अटैक के लक्षण महसूस होने पर सही समय पर कुछ जरूरी निर्देशों का पालन करें तो मरीज की जान बचाई जा सकती है?दरअसल, हार्ट अटैक एक मेडिकल इमरजेंसी है, यानी अगर किसी व्यक्ति में इसके लक्षण दिखते हैं तो जितनी जल्दी इलाज शुरू किया जाएगा, उसके बचने की संभावना उतनी ही अधिक होगी। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि जब भी किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़े तो उसकी मदद के लिए आसपास कोई हो या अस्पताल मौजूद हो। ऐसे में कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखने से मरीज को कम से कम अस्पताल पहुंचने का समय मिल जाता है। आइए आपको बताते हैं क्या हैं वो जरूरी बातें-

सबसे पहले जानें, क्यों आता है हार्ट अटैक?

आप जानते हैं कि हमारे शरीर में हर समय खून बहता रहता है। इस रक्त को शरीर में संचारित करने का कार्य हृदय करता है। हृदय का दाहिना हिस्सा आपके शरीर से आपके फेफड़ों तक रक्त पंप करता है। यहां से ऑक्सीजन रक्त में घुल जाती है और फिर वह रक्त आपके हृदय के बाएं हिस्से में प्रवेश करता है। आपके हृदय का बायां भाग इस ऑक्सीजन युक्त रक्त को शरीर के सभी भागों में वापस पंप करता है। दिल का दौरा तब पड़ता है जब रक्त आपके हृदय तक नहीं पहुंच पाता। इससे हृदय की कोशिकाएं मरने लगती हैं।

हार्ट अटैक को किन लक्षणों से पहचाना जा सकता है?

  • हार्ट अटैक होने पर सीने में तेज दर्द होता है। कई बार सीने का दर्द बाएं कंधे और जबड़े के बीच चलता हुआ महसूस होता है।
  • इसके अलावा पीठ के बीचों-बीच रीढ़ की हड्डी पर भी तेज दर्द महसूस हो सकता है।
  • अचानक आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है और चेतना खोने लगती है, बेहोशी सी छाने लगती है।
  • अगर व्यक्ति चल रहा है या खड़ा है, तो वो चलते-चलते गिर सकता है।
  • तेज दर्द के साथ-साथ चेहरे और माथे पर पसीना आने लगता है और तेज गर्मी महसूस होती है।

दिल का दौरा पड़ने पर क्या करें?

ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण के महसूस होने पर आपको कुछ बातों का ध्यान रखना है। सही समय इन सभी निर्देशों का पालन करने पर हार्ट अटैक के मरीज (भले ही वो स्वयं आप हों) की जान बच सकती है।

  • सबसे पहले एंबुलेंस को कॉल करें। नैशनल इमरजेन्सी नंबर 102 पर कॉल करें या अपने राज्य की इमरजेन्सी एंबेलेंस सेवा नंबर पता करके इसे फोन में सेव करके रखें।
  • आप जहां, जिस भी स्थिति में वहीं बैठ जाएं। अगर आपके आसपास कुर्सी या सीट है, तो उस पर बैठ जाएं। अगर कुछ नहीं है, तो जमीन पर बैठ जाएं।
  • अगर आपके कपड़े टाइट हैं, तो इन्हें तुरंत ढीला करें। शर्ट की ऊपर की बटन खोलें और गले में टाई पहनी है, तो इसे ढीली करें।
  • जोर-जोर से गहरी सांसें लें। सांसें लेते समय गिनती गिनें। जितनी गहरी और जल्दी-जल्दी आप सांसें लेंगे, आपके फेफड़ों को उतनी जल्दी ऑक्सीजन मिलेगा।
  • 300 MG की एस्प्रिन टेबलेट को तुरंत चबा लें। किसी व्यक्ति को अगर पहले हार्ट अटैक आ चुका है या वो हाई ब्लड प्रेशर का शिकार है, तो उसे अपने साथ 2-3 एस्प्रिन की टेबलेट्स जरूर रखनी चाहिए। अगर आपके पास एस्प्रिन टेबलेट नहीं है, तो अपने आसपास के लोगों से मदद मांगें।
  • एस्प्रिन के तुरंत बाद नाइट्रोग्लिसरीन की 1 टेबलेट को अपनी जीभ के नीचे रखें और चूसें।
  • अगर दर्द में कुछ कमी न महसूस हो, तो 15 मिनट में नाइट्रोग्लिसरीन की 1 और टेबलेट लें।

अगर आप इतना कर लेंगे तो आपके पास एंबुलेंस आने और अस्पताल पहुंचने तक का काफी समय रहेगा. एक बार जब आप अस्पताल पहुंच जाते हैं, तो डॉक्टर आपकी जांच कर सकते हैं और आपका इलाज शुरू कर सकते हैं। इस तरह आप थोड़ी सी सावधानी से हार्ट अटैक के खतरे को दूर कर सकते हैं। अगर आपको कभी हृदय रोग, उच्च रक्तचाप या कोलेस्ट्रॉल की समस्या रही है तो अपने पर्स या जेब में 300 एमजी एस्पिरिन की 2 गोलियां और नाइट्रोग्लिसरीन की 2 गोलियां रखें।

अपने परिवार और परिचितों को इन 7 कदमों के बारे में बताएं, ताकि सही समय पर उनकी जान बचाई जा सके। हार्ट अटैक आजकल बहुत आम हो गया है। युवाओं और अधेड़ उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक के मामले तेजी से सामने आने लगे हैं। इसलिए, केवल जानकारी और सही निर्देशों का पालन ही इस स्थिति में किसी व्यक्ति की जान बचा सकता है।

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