नवरात्रि उपवास में हर रोज़ कर रही हैं दही का सेवन, तो याद रखें आयुर्वेद के ये 5 गोल्डन रूल्स

दही एक स्वास्थ्यवर्धक एवं स्फूर्तिदायक खाद्य पदार्थ है। यह आपको प्राकृतिक रूप से हाइड्रेट करने के साथ-साथ पाचन तंत्र को भी स्वस्थ रखता है। लेकिन जब आप इसे गलत तरीके से डाइट में शामिल करते हैं तो यह फायदे की जगह नुकसान पहुंचाने लगता है।

गर्मी के मौसम में दही लोगों के पसंदीदा खाद्य पदार्थों में से एक है। लोग इसे लस्सी, रायता, सलाद, करी, मिठाई आदि के रूप में लेते हैं। दही को हर कोई अलग-अलग तरीके से लेना पसंद करता है। लेकिन कई लोग इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि दही खाने का सही समय क्या है. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें दही खाने का सही तरीका नहीं पता होता है. दही के साथ कौन सा कॉम्बिनेशन लेना है यह जानना बहुत जरूरी है।ताकि आप इसके पोषक तत्वों की गुणवत्ता का अधिक से अधिक लुफ्त उठा सके। इस गर्मी दही को अपनी नियमित डाइट का हिस्सा बनने से पहले आप सभी को दही से जुड़े कुछ जरूरी फैक्ट्स का मालूम होना चाहिए।आयुर्वेद एक्सपर्ट  ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए गर्मियों में डाइट में दही शामिल करने से जुड़ी कुछ अहम जानकारी दी है. उन्होंने इससे जुड़े कुछ खास तथ्य बताए हैं ताकि आप दही की गुणवत्ता का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा सकें. तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

नवरात्रि उपवास में दही का सेवन करते समय याद रखें ये 5 जरूरी बातें

1 .दही की तासीर गर्म होती है-सालों से हम सभी दही को ठंडा मानते आए हैं और गर्मी के मौसम में इसे अपने आहार में शामिल करते आए हैं, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार इसकी प्रकृति ठंडी नहीं बल्कि गर्म होती है। इसके अलावा यह एक भारी भोजन है जिसे पचाना भी मुश्किल होता है। जब आप गर्मियों में अधिक मात्रा में दही का सेवन करते हैं तो इससे शरीर में गर्मी बढ़ जाती है, जिससे आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।ऐसे में पिंपल्स और त्वचा संबंधी अन्य समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। इसलिए गर्मी के मौसम में दही खाने का सही समय और सही तरीका जानना बहुत जरूरी है। दही गर्म होता है और जब उससे छाछ बनाई जाती है तो उसमें ठंडक देने वाले गुण होते हैं। यह अंतर निर्माण प्रक्रिया के कारण आता है।

2. कॉम्बिनेशन का खास ख्याल रखें-जब हम दही को फल, मछली, खट्टे खाद्य पदार्थ और मांस के साथ मिलाते हैं, तो दही अभिश्यनधि की तरह काम करता है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर की नलिकाओं को अवरुद्ध कर देता है। आयुर्वेद के अनुसार, इन खाद्य संयोजनों को विरुद्ध आहार के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है असंगत खाद्य पदार्थ।

3. अन्य सामग्रियों की मदद से इसे संतुलित करें-विशेषज्ञों के अनुसार, आयुर्वेद कहता है कि दही की गुणवत्ता बढ़ाने और गर्मियों में इसे अपने आहार का हिस्सा बनाने के लिए आप इसमें काला नमक, आंवला पाउडर, मिश्री, शहद, काली मिर्च आदि मिला सकते हैं। इससे इसे पचाना आसान हो जाता है, साथ ही दोष भी संतुलित हो जाते हैं। जो इसे और अधिक स्वास्थ्यवर्धक बनाता है. गर्मी के मौसम में जितना हो सके सादे दही से परहेज करें।

4. रात के खाने में दही लेने से बचें-आयुर्वेद के अनुसार, दही की प्रकृति गर्म होती है और दही भारी होता है, इसलिए इसे रात के खाने में शामिल करने से बचना चाहिए। बहुत से लोग इसे रात के खाने में पाचन सुधारने के लिए या मिठाई के रूप में लेते हैं। लेकिन रात के समय इसका सेवन करने से आपका पेट भारी हो सकता है और पाचन क्रिया धीमी हो सकती है, इसलिए चार से पांच बजे के बाद दही खाने से बचना चाहिए।

5. बटर मिल्क तैयार करें-गर्म मौसम में यदि दही को अपनी डाइट का हिस्सा बनना चाहती हैं, तो इसे बटर मिल्क के तौर पर लें। सादा दही और पानी को एक साथ ब्लेंड करें, उसमें फ्लेवर जोड़ने के लिए आवश्यकता अनुसार जीरा, काला नमक, काली मिर्च, पुदीना आदि मिक्स कर सकती हैं। उन्हें अच्छी तरह ब्लेंड करने के बाद 10 से 15 मिनट तक रूम टेंपरेचर पर छोड़ दें, उसके बाद इसे एंजॉय करें।

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