मुलेठी के सेवन से गले की खराश होगी चुटकियो में दूर, बस जान लीजिये सेवन करने का सही तरीका

गर्मियों का मौसम आ चुका है, इस समय गर्मी भी अपने जोरो पर है।और साथ ही सताने लगा हैं इससे जुड़ी बीमारियां डर। इन दिनों में सर्दी, खासी और गले में खराश होना बहुत ही आम है। तापमान के साथ हवा में मौजूद हानिकारक कण भी इसके लिए जिम्मेदार है। जिस हवा में आप सांस लेते हैं, वह आपके समग्र हेल्थ के लिए नुकसानदायक है। साथ ही गर्मी का मौसम अपने साथ विभिन्न प्रकार की बीमारी लेकर आता है। लगातार खांसना, छींकना, गला सूखना और गले में खराश होना इन्हीं परिस्थितियों का परिणाम है। तो आइये जानते है इसके बारे में विस्तार से।

अगर आपके गले में अधिक खराश है तो मुलेठी को पानी में उबालें और मुलेठी का काढ़ा तैयार करें। खांसी और जुकाम को ठीक करने के लिए इस आयुर्वेदिक काढ़े का दिन में कई बार सेवन करें।इससे जल्द ही आराम मिलेगा।

गले में अगर खराश हो तो मुलेठी की जड़ को चबाएं, ताकि जड़ों का रस गले तक जाए और गले की जलन और कर्कश आवाज से आराम मिले।

बच्चों की खांसी-जुकाम के इलाज के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच मुलेठी पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाकर रखें। आपके बच्चों को दिन में दो बार इसका सेवन करने से आराम मिलेगा।

गले की खराश के साथ नाक और छाती में कफ जमने पर मुलेठी की जड़, तुलसी के पत्ते, पुदीना के पत्तों के कुछ टुकड़ों को पानी में उबालकर आयुर्वेदिक काढ़ा बना लें। इस मिश्रण को छान लें और इसे एक चम्मच शहद के साथ पीयें।

जानिए मुलेठी के और स्वास्थ्य फायदे क्या है

मुलेठी पाचन को बढ़ावा देता है :-

मुलेठी एक बहुत ही अच्छी पाचक जड़ी-बूटी है। यह ब्लॉटिंग के साथ एलिमेंटरी कैनाल में गैस के निर्माण को कम करती है। इस प्रकार पेट फूलना, सूजन और पेट में ऐंठन कम होती है। यह भूख को भी बढ़ाती है, अपच को कम करती है और शरीर में पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण को बढ़ावा देती है। मुलेठी पाउडर में फाइबर होता है, जो कब्ज और अन्य पाचन समस्या के लिए एक अच्छा उपाय है।

वजन कम करने में सहायक :-

मुलेठी पाउडर शरीर में जमा चर्बी को तेजी से कम करने में हमारी करती है। फाइबर और आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण, जब नियमित रूप से लिया जाता है, तो मुलेठी भूख को कम करती है और अधिक खाने से रोकती है।

हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करता है :-

कार्डियो-टॉनिक की तुलना मुलेठी से की जाती है। यह आयुर्वेदिक जड़ी बूटी शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कुशलता से कम करती है, ब्लड वेसल में फैट के जमाव को रोकती है और एथेरोस्क्लेरोसिस को भी कम करती है। इस प्रकार यह हार्ट ब्लॉकेज, स्ट्रोक और दिल के दौरे के जोखिम को कम करता है।

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