दुनिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट का काम शुरू, जानें क्या-क्या होंगी खासियतें

दुबई में दुनिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट का काम शुरू हो गया है.128 बिलियन की लागत से भवन का निर्माण शुरू कर दिया गया है। यह दुनिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा, जो कि वर्तमान हवाई अड्डे का पांच गुना होगा।। इतना ही नहीं इसमें पांच रनवे की सुविधा भी होगी। इसके नये यात्री टर्मिनल को मंजूरी मिल गयी है।

ताजा जानकारी के मुताबिक दुबई में दुनिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट पर काम शुरू हो चुका है। यह अल मकतूम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा वर्तमान दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग पाँच गुना बड़ा होगा। इतना ही नहीं इसमें पांच रनवे की सुविधा भी होगी। इसके नये यात्री टर्मिनल को मंजूरी मिल गयी है।

बता दें कि रविवार को यूएई के पीएम एचएच शेख मोहम्मद ने एक्स पर एक पोस्ट किया था। जिसमें उन्होंने बताया कि अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर नए यात्री टर्मिनल के डिजाइन को मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही दुबई में 128 अरब रुपये की लागत से बिल्डिंग का निर्माण शुरू हो गया है. यह दुनिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा, जो मौजूदा हवाई अड्डे से पांच गुना बड़ा होगा।

कुछ वर्षों के भीतर, दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के सभी संचालन अल मकतूम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से स्थानांतरित कर दिए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे “दुबई दक्षिण में हवाई अड्डे के आसपास” एक पूरा शहर बना रहे हैं। जो लॉजिस्टिक्स और हवाई परिवहन क्षेत्रों में दुनिया की अग्रणी कंपनियों की मेजबानी करेगा। इसके अलावा दस लाख लोगों के लिए आवास की भी मांग होगी।उन्होंने कहा कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक नया प्रोजेक्ट तैयार कर रहे हैं। नई परियोजना हमारे बच्चों और उनके बच्चों के लिए निरंतर और स्थिर विकास सुनिश्चित करेगी। दुबई दुनिया का हवाई अड्डा, इसका बंदरगाह, इसका शहरी केंद्र और इसका नया वैश्विक केंद्र होगा।

ये होंगी खूबियां

क्षमता- अल मकतूम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दुनिया में सालाना 260 मिलियन यात्री यात्रा करेंगे।

आकार- मौजूदा दुबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से पांच गुना बड़ा होगा।

आधारभूत संरचना- परिचालन सुगम बनाने के लिए हवाईअड्डा 400 विमान गेटों को समायोजित करेगा।

रनवे- हवाई यातायात सरल बनाने के लिए पांच समानांतर रनवे होंगी।

लागत- लगभग 2900 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगा।

नवाचार- यह परियोजना नई विमानन प्रौद्योगिकी का उदाहरण होगी।

समय- 10 वर्षों में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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