20 साल पूरा कर रहा है वाइब्रेंट गुजरात, मोदी के विज़न ने गुजरात को ही नहीं इंडिया को भी वैश्विकस्तर पे ला दिया

‘वाइब्रेंट गुजरात’ की अवधारणा सबसे पहले देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए पेश की गई थी। पिछले 2 दशक में वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन ने सफलतापूर्वक गुजरात को ना केवल भारत बल्कि दुनिया के नक्शे पर इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश के महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित किया है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, जो अपने दूरदर्शी विज़न और समय पर अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पहचाने जाते हैं, वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन व्यापार और निवेश के लिए महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है।

प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता और उनमें लोगों का विश्वास आज भारतीय सीमाओं को भी पार कर दिया है क्योंकि आज केवल भारत के नागरिक ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया उनकी कथनी और करनी पर विश्वास कर रही है। वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन में बिज़नेसमैन मुकेश अंबानी के शब्द “मोदी है तो मुमकिन है ((Everything is possible if Modi is there)” मोदी पर दुनिया के इसी भरोसे को जताते हैं।

पिछले 20 वर्षों में, वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन, बड़े-बड़े उद्योगपतियों द्वारा तकरीबन 70% का प्रतिबद्धित निवेश प्राप्त करने में कामयाब रहा है। वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान गुजरात सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात का ख़ुलासा किया। एक समर्पित नेता की तरह, नरेन्द्र मोदी वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन के हर संस्करण में उपस्थित थे। वे मुकेश अंबानी जैसे जाने-माने उद्योगपतियों के साथ व्यक्तिगत रूप से गुजरात के विकास और प्रगति को देख रहे थे।

गुजरात सरकार द्वारा प्रकाशित एक इम्पेक्ट रिपोर्ट में पिछले बीस वर्षों में हुई प्रगति को प्रदर्शित किया गया है। सड़क नेटवर्क, वर्ष 2001-02 में 74,018 किलोमीटर से 10% बढ़कर 2020-21 में 81,523 किलोमीटर हो गया। इसी अवधि में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत दोगुनी हो गई। 2001-02 में 13,950 कारखानों से 2019-20 में 28,479 कारखानों तक- गुजरात में महत्वपूर्ण औद्योगिक विस्तार देखा गया है। इसके अलावा, बीस वर्षों में रोजगार के अवसर 7.13 लाख नौकरियों से तीन गुना बढ़कर 20.69 लाख नौकरियों तक पहुंच गए।

वाइब्रेंट गुजरात 2024 का लक्ष्य नई पहलों और नई सोच का गवाह बनना है। यह लक्ष्य सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन एनर्जी और ग्रीन हाइड्रोज़न इकोसिस्टम्स, एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग और एंसिलरी इंडस्ट्री के साथ-साथ कई फ्यूचरिस्चिक उद्योगों पर केंद्रित है। इस बार, राज्य सरकार ज्यादा से ज्यादा सस्टेनेबल परिणामों के लिए गुणवत्तापूर्ण निवेश को प्राथमिकता दे रही है।

वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन 2024 में 34 भागीदार देशों की भागीदारी देखी गई। पिछले संस्करण में यह संख्या 15 थी जिसकी तुलना में यह बढ़ोतरी उल्लेखनीय है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राष्ट्रपति, महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने विभिन्न देशों के कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों सहित इस कार्यक्रम में भाग लिया। गुजरात को संयुक्त अरब अमीरात (2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर) जैसे देशों से महत्वपूर्ण FDI यानि विदेशी निवेश प्राप्त होने के साथ-साथ चेक गणराज्य, तिमोर लेस्टे और मोज़ाम्बिक जैसे देशों से भी पर्याप्त मात्रा में निवेश प्राप्त होने की संभावना है।

UAE के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के अपने संबोधन में भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ UAE के मजबूत संबंधों का उल्लेख किया। घरेलू मोर्चे पर, अंबानी, अडानी और टाटा जैसे प्रमुख भारतीय बिज़नेस हाउस ने ग्रीन एनर्जी पहल, सौर ऊर्जा परियोजनाओं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में महत्वपूर्ण निवेश करने का वादा किया।

वर्तमान में, भारत दुनिया में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जबकि एक दशक पहले भारत 11वें स्थान पर था। कई विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत जल्द ही दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा। वाइब्रेंट गुजरात-2024 के उद्घाटन समारोह में अपने भाषण के दौरान मोदी ने इस संभावना पर अपना अटूट विश्वास दिखाया।

– संगीता शुक्ला