कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा ने रविवार को दावा किया कि केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली तत्कालीन संप्रग सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की 175 सिफारिशों को लागू करने सहित किसानों के हितों की रक्षा के लिए कई कदम उठाए।उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र पर भी हमला बोला और आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने 10 वर्षों में किसानों का एक भी रुपया माफ नहीं किया।
शैलजा ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने 72,000 करोड़ रुपये के ऋण माफ किए थे।उनका यह बयान तीन केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं की चंडीगढ़ में बैठक होने से कुछ घंटे पहले आया है, जिसमें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित किसानों की अन्य मांगों पर चर्चा की जाएगी।किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ‘दिल्ली चलो’ मार्च में हिस्सा ले रहे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शैलजा ने आरोप लगाया कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने को लेकर भाजपा नेता गलत बयानबाजी कर रहे हैं।कांग्रेस द्वारा सिफारिशें लागू नहीं करने के दावों पर पलटवार करते हुए शैलजा ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में 201 सिफारिशें थीं, जिनमें से 175 संप्रग सरकार के शासनकाल में लागू की गईं।उन्होंने कहा, ”किसानों को ‘सी2 प्लस 50’ प्रतिशत प्रदान करने का वादा करके 2014 में सत्ता में आई भाजपा ने केंद्र में सरकार बनने पर अपना वादा पूरा नहीं किया। जबकि, कांग्रेस ने स्वामीनाथन की 201 सिफारिशों में से 175 को पहले ही लागू कर दिया था।”
शैलजा ने कहा कि यह कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ही थी, जिसने कृषि ऋण पर ब्याज दर 11 प्रतिशत से घटाकर चार प्रतिशत कर दिया था।उन्होंने कहा कि आयोग की सिफारिशों के अनुसार खेती को करों से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया था।शैलजा ने कहा, ”कांग्रेस ने उर्वरक, बीज, दवा, ट्रैक्टर और सिंचाई सहित कृषि उपकरणों पर कर नहीं लगाया। इतना ही नहीं, विभिन्न योजनाओं के तहत कृषि संसाधनों पर भारी छूट भी दी गई।”