मैट्रिक की परीक्षा में कम नंबर आने पर छात्रा ने की खुदकुशी

सरायकेला  थाना अंतर्गत मुरूप पंचायत के नारायणडीह गांव की रहनेवाली दसवीं कक्षा की छात्रा मैट्रिक की परीक्षा में कम नंबर आने पर की खुदकुशी. उसके माता-पिता नहीं हैं. चाचा ही उसका पालन-पोषण कर रहे थे. द्वितीय श्रेणी से परीक्षा पास करने के बाद वह काफी तनाव में थी. परिजनों ने उसे समझाया भी. इसके बावजूद साड़ी का फंदा बनाकर उसने अपनी जान दे दी.

आपको बता दे की ये सारा मामला झारखंड के सरायकेला की नारायणडीह गांव की रहनेवाली दसवीं कक्षा की  छात्रा थी. 6 अप्रैल को वह अपने चाचा गौरांग प्रधान के साथ अपने गांव नारायणडीह आयी थी. शुक्रवार को मैट्रिक परीक्षा का परिणाम जारी किया गया, जिसमें राखी प्रधान द्वितीय श्रेणी में पास हुई थी.शुक्रवार को मैट्रिक परीक्षा का परिणाम जारी किया गया, जिसमें राखी प्रधान द्वितीय श्रेणी में पास हुई थी. राखी प्रधान ने अपने परिजनों को बताया कि उसने परीक्षा के लिए काफी मेहनत की थी. इसके बावजूद वह द्वितीय श्रेणी से पास हुई. इस बात को लेकर वह काफी परेशान थी. परिजनों ने उसे समझाया कि द्वितीय श्रेणी में पास हुई तो क्या हुआ? आगे और मेहनत करना तो अच्छा परिणाम मिलेगा.

मिली जानकारी के मुताबिक, परिवार ने राखी को अच्छे से समझा और राखी को समझाने के बाद परिवार अपने-अपने काम पर चला गया. इसी बीच राखी ने घर की छत में लकड़ी पर साड़ी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के कुछ देर बाद जब परिजन घर लौटे तो राखी को फंदे पर लटका पाया। परिजनों ने उसे फंदे से नीचे उतारकर सदर अस्पताल सरायकेला लाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

कस्तूरबा विद्यालय की छात्रा द्वारा की आत्महत्या की सूचना मिलते ही जिला शिक्षा पदाधिकारी जितेंद्र कुमार सिन्हा शनिवार की अहले सुबह कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय सरायकेला पहुंचे. उन्होंने विद्यालय की सभी छात्राओं के साथ एक घंटे का समय बिताया. इस दौरान डीईओ ने छात्राओं से कहा कि असफलता ही सफलता की कुंजी है. दुनिया में कई ऐसे महापुरुष हुए हैं जिनको सफलता मिलने से पहले कई बार असफलता का स्वाद चखना पड़ा. उन्होंने कहा कि आज असफल हुए तो कल सफल जरूर होंगे. जीवन अनमोल होता है. जीवन है तो जीवन में संघर्ष करना चाहिए. डीईओ ने छात्राओं को समझाते हुए कहा कि जीवन में चाहे कैसी भी परिस्थिति आए, उसका डट कर सामना करना चाहिए. उससे घबराना नहीं चाहिए. मौके पर केजीवी भी प्रभारी संतावना जेना मौजूद थीं.

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