लालू यादव को एक के बाद एक बड़ा झटका, नीतीश ने पूर्व सांसद को दिलाई जदयू की सदस्यता

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले आज यानी गुरुवार को RJD, नेता बुलो मंडल ने लालू से दूरी बना ली और JDU, में शामिल हो गये. बुलो मंडल के जेडीयू में शामिल होने से राजनीतिक गणित बिगड़ने की चर्चा है. वहीं, वोटिंग से ठीक पहले मंडल के जेडीयू में शामिल होने से इंडी गठबंधन को बड़ा झटका लगा है. राजद को जहां अपने एक पूर्व सांसद को खोने का झटका लगा है, वहीं कांग्रेस की परेशानी यह है कि उसके उम्मीदवार अजीत शर्मा भागलपुर सीट से ताल ठोक रहे हैं.

पहले चरण के मतदान से पहले राजद को एक और बड़ा झटका लगा है. भागलपुर के पूर्व सांसद शैलेश कुमार मंडल उर्फ ​​बुलो मंडल के पार्टी छोड़ने से राजद के साथ-साथ कांग्रेस को भी बड़ा झटका लगा है. जदयू कार्यालय में मिलन समारोह में पूर्व सांसद बुलो मंडल ने जदयू की सदस्यता ली. समर्थकों के साथ जेडीयू कार्यालय पहुंचे बुल्लो मंडल को सीएम नीतीश ने सदस्यता दिलाई. इस मौके पर सांसद ललन सिंह और मंत्री विजय चौधरी मौजूद रहे. आज यानी गुरुवार को राजद नेता बुलो मंडल ने लालू से दूरी बना ली और जदयू में शामिल हो गये.बुलो मंडल के जेडीयू में शामिल होने से राजनीतिक गणित बिगड़ने की चर्चा है. वहीं, वोटिंग से ठीक पहले मंडल के जेडीयू में शामिल होने से इंडी गठबंधन को बड़ा झटका लगा है. राजद को जहां अपने एक पूर्व सांसद को खोने का झटका लगा है, वहीं कांग्रेस की समस्या यह है कि उसके उम्मीदवार अजीत शर्मा भागलपुर सीट से ताल ठोक रहे हैं.

आपको बता दें कि शैलेश कुमार मंडल उर्फ ​​बुलो मंडल ने साल 2014 में राजद के टिकट पर भागलपुर लोकसभा चुनाव जीता था. मोदी लहर में भी उन्होंने बीजेपी के शाहनवाज हुसैन को हराया था. 2019 में भी राजद ने टिकट दिया था. लेकिन वे हार गये. इस बार भागलपुर सीट कांग्रेस के खाते में गयी. इससे बुल्लो मंडल नाराज बताये जा रहे थे. बुलो मंडल पिछले 20 वर्षों में एकमात्र ऐसे नेता रहे हैं जो एक बार भारतीय गठबंधन पार्टी से जीते हैं।

JDU, में शामिल होने के बाद बुलो मंडल ने RJD पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि राजद में अब आंतरिक लोकतंत्र खत्म हो गया है. उन्होंने कहा कि पुरानी राजद अब नहीं रही. सीएम नीतीश की तारीफ करते हुए बूलो मंडल ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार लगातार बिहार में काम कर रहे हैं. जब हम विपक्ष में थे तब भी सीएम ने मेरे अनुरोध पर लोगों की समस्याओं के लिए काम किया.

हालांकि, बुलो मंडल के राजद छोड़ने और जदयू का दामन थामने से राजद के साथ-साथ कांग्रेस को भी बड़ा झटका लगा है. भागलपुर में बुल्लो मंडल का प्रभाव बताया जा रहा है, ऐसे में देखना होगा कि पहले चरण के मतदान से पहले मंडल के जेडीयू में शामिल होने से क्या सियासी गुल खिलेगा.

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