चव्हाण के इस्तीफे पर कांग्रेस ने कहा: जांच एजेंसियों का दबाव है वजह

कांग्रेस ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद सोमवार को कहा कि जो लोग ऐसे कदम उठा रहे हैं उन पर जांच एजेंसियों का दबाव है।पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जो नेता किसी न किसी वजह से खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं कि उनके लिए भारतीय जनता पार्टी की ‘वाशिंग मशीन’ वैचारिक प्रतिबद्धता के मुकाबले ज्यादा आकर्षक रहेगी।लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। ऐसी अटकलें हैं कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकते हैं।

रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”जब मित्र और सहकर्मी उस राजनीतिक दल को छोड़ देते हैं जिसने उन्हें बहुत कुछ दिया है – शायद उससे भी अधिक जिसके वे हकदार थे, तो यह हमेशा पीड़ा का विषय होता है। लेकिन जो लोग असुरक्षित महसूस करते हैं, उनके लिए वह ‘वॉशिंग मशीन’ हमेशा वैचारिक प्रतिबद्धता या व्यक्तिगत वफादारी से अधिक आकर्षक साबित होगी।उन्होंने कहा, ”इन विश्वासघातियों को इस बात का अहसास नहीं है कि उनके बाहर निकलने से उन लोगों के लिए बड़े पैमाने पर नए अवसर खुलेंगे जिनके विकास को उन्होंने हमेशा अवरुद्ध किया।”

चव्हाण के इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर सुप्रिया ने संवाददाताओं से कहा, ”आज विपक्ष की राजनीति करना बहुत मुश्किल है, आज सरकार की आंख में आंख में डालकर यह बोलना बहुत मुश्किल है कि आपका सारा फर्जीवाड़ा (आंकड़ों का) गलत है, आपका ‘श्वेत पत्र’ गलत है। किसी के ऊपर जांच एजेंसी का दबाव है, किसी पर प्रलोभन होता है और किसी के ऊपर अन्य तरह का दबाव बनाया जाता है।”उन्होंने कहा कि हाल के समय में जिन लोगों ने पार्टी छोड़ी है, उन सबके ईडी के मामलों को देख लीजिए, तो तस्वीर अपने आप साफ हो जाएगी।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ”विपक्ष की राजनीति मुस्तैदी से करना बहुत मुश्किल है। यह वही कर सकता है जिसके अंदर लड़ने का कलेजा है, माद्दा है और शिद्दत है, जो सरकार से कहता है कि जेल में डाल दो, लेकिन तुम्हारा विरोध करता रहूंग, सच के लिए खड़ा रहूंगा। मुझे लगता है कि राहुल गांधी आज यह काम बखूबी कर रहे हैं।”उन्होंने कहा, ”जो जा रहा है उसको हाथ पकड़कर हाथ नहीं रोक सकते। उसके ऊपर जरूर कोई दबाव होगा। मुझे लगता है कि यह दबाव एजेंसियों का है। ”सुप्रिया ने दावा किया, ”सरकार की वाशिंग मशीन लोगों के लिए खोल दी जाती है। 70 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप रात में लगाएंगे और अगली सुबह मोदी जी उनके साथ हाथ मिलाकर सरकार बना लेते हैं। इस तरह की चीजें लोकतंत्र को क्षीण करती हैं।”