छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बुधवार को कहा कि नक्सली हताश हो गए हैं क्योंकि भारतीय जनता पार्टी की ”डबल इंजन” सरकार ने नक्सली समस्या के खिलाफ लड़ाई तेज कर दी है।राज्य के सुकमा और बीजापुर जिलों की सीमा पर मंगलवार को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में जान गंवाने वाले, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के तीन जवानों को साय ने बुधवार को श्रद्धांजलि दी। इस घटना में 15 सुरक्षा कर्मी घायल भी हुए हैं।
मुठभेड़ में जान गंवाने वाले जवानों को बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर के करणपुर गांव में सीआरपीएफ की कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट एक्शन) इकाई की 201वीं बटालियन के शिविर में श्रद्धांजलि दी गई।दिवंगत जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में उनकी पार्टी के सत्ता में आने के बाद ‘डबल इंजन’ (राज्य और केंद्र में भाजपा)सरकार बनी है, इसलिए नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई तेज कर दी गई है, जिससे वे हताश हो गए हैं।
उन्होंने कहा ”तेकालगुडेम में, कल एक नया शिविर स्थापित किया गया था और अचानक नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों पर हमला कर दिया। लेकिन हम लड़ाई जारी रखेंगे। मैंने कल (राज्य की राजधानी) रायपुर में दो अस्पतालों में जाकर घायल जवानों से मुलाकात की। उन्होंने साहसपूर्वक मुकाबला किया और उनका मनोबल ऊंचा है। मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”
साय ने कहा कि पुलिस शिविरों की स्थापना कर उनकी सरकार अपनी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाना चाहती है। उन्होंने कहा, ”हम उन्हें अंदरूनी इलाकों में पक्के घर, बिजली आपूर्ति और अन्य सुविधाएं मुहैया कराना चाहते हैं।”मंगलवार को मुठभेड़ में जान गंवाने वाले तीन सुरक्षाकर्मियों में से कांस्टेबल देवन सी और पवन कुमार कोबरा की 201वीं बटालियन से थे और कांस्टेबल लंबघर सिन्हा सीआरपीएफ की 150वीं बटालियन से थे।
सभी घायल जवान कोबरा की 201वीं बटालियन के हैं।छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा और सीआरपीएफ और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी दिवंगत जवानों को श्रद्धांजलि दी। शर्मा के पास गृह विभाग का भी प्रभार है।