न्यूजर्सी में अक्षरधाम मंदिर के उद्घाटन से पहले मोदी, सुनक ने दी शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष ऋषि सुनक ने न्यूजर्सी के रॉबिन्सविले शहर में अक्षरधाम मंदिर के उद्घाटन से पहले शुभकामनाएं दीं।इस मंदिर को आधुनिक युग में भारत के बाहर निर्मित सबसे बड़ा हिंदू मंदिर बताया जा रहा है।

मोदी ने रॉबिन्सविले में बीएपीएस (बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था) स्वामीनारायण अक्षरधाम को लिखे एक पत्र में कहा, ”यह दुनिया भर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के लिए अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व का अवसर है।”

मोदी ने बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था और इस पहल में शामिल सभी लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अक्षरधाम महामंदिर का उद्घाटन समारोह भारतीय वास्तुकला की उत्कृष्टता और इसकी गौरवशाली प्राचीन संस्कृति एवं लोकाचार को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि यह भारतीय प्रवासियों, विशेषकर युवाओं को मां भारती से जोड़ने में मदद करेगा और उन्हें इस पर गर्व की अनुभूति कराएगा।ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने आठ अक्टूबर को होने वाले उद्घाटन समारोह से पहले भेजे संदेश में कहा, ”हम इस मंदिर के शांति, सद्भाव एवं एक बेहतर इंसान बनने के सार्वभौमिक संदेश और इसकी सुंदरता से आश्चर्यचकित हैं।”

उन्होंने कहा, ”यह न केवल एक पूजा स्थल है, बल्कि एक ऐसा मील का पत्थर है जो भारत के मूल्यों, संस्कृति और दुनिया में इसके योगदान को भी चित्रित करता है।”प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच स्थायी संबंध हैं और दोनों देशों ने इन संबंधों को मजबूत एवं बहुआयामी बनाया है और अपने लोगों के बीच व्यापक बातचीत को बढ़ावा दिया है।

उन्होंने कहा कि भारत की सतत और शानदार आध्यात्मिक विरासत कालातीत और सार्वभौमिक प्रासंगिकता रखती है।मोदी ने कहा, ”आध्यात्मिकता हमारी सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत और सिद्धांतों का एक अभिन्न तत्व है।”उन्होंने कहा, ”हमारा दर्शन और परंपराएं इस बात पर जोर देती हैं कि किसी व्यक्ति के जीवन का अंतिम लक्ष्य सेवा या निस्वार्थ सेवा के इर्द-गिर्द घूमता है।”

उन्होंने कहा कि मंदिर सदियों से सेवा और सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहे हैं।मोदी ने कहा कि वे न केवल भक्ति के केंद्र हैं बल्कि कला, वास्तुशिल्प उत्कृष्टता, साहित्य और ज्ञान को अभिव्यक्ति देने के लिए मंच के रूप में भी काम करते हैं तथा ऐसे गहन सांस्कृतिक सिद्धांत पीढ़ियों से मानवता का मार्गदर्शन करते रहे हैं।

उन्होंने कहा, ”भगवान स्वामीनारायण ने हमारी संस्कृति के शाश्वत आदर्श प्रस्तुत किए और इसे शक्तिशाली पाठों में पिरोया, जिनकी पहुंच समाज के हर वर्ग तक हो सकती है। उन्होंने आध्यात्मिकता और सामाजिक सुधार के माध्यम से विचार एवं आचरण की शुद्धता के महत्व पर जोर दिया।

”न्यूयॉर्क स्थित टाइम्स स्क्वायर से लगभग 60 मील दक्षिण में और वाशिंगटन डीसी से लगभग 180 मील उत्तर में स्थित न्यूजर्सी के रॉबिन्सविले टाउनशिप में बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का निर्माण 2011 में शुरू हुआ था और इसके निर्माण में 12,500 से अधिक स्वयंसेवकों ने मदद की।

मंदिर के औपचारिक उद्घाटन से पहले ही यहां दर्शन के लिए रोजाना हजारों लोग आते हैं। अधरधाम के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर 183 एकड़ क्षेत्र में बनाया गया है।इस मंदिर को प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार बनाया गया है और इसमें 10,000 मूर्तियों एवं प्रतिमाओं, भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों और नृत्य कलाओं की नक्काशी सहित प्राचीन भारतीय संस्कृति को दर्शाया गया है।