मायावती की नसीहत : राजनीति में कब, किसको, किसकी जरूरत पड़ जाए, कहा नहीं जा सकता

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) से दूरी बनाने वाले दलों के बारे में अनावश्यक टीका-टिप्पणी नहीं करने की सलाह देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भविष्य में कब, किसको, किसकी जरूरत पड़ जाए, यह कहा नहीं जा सकता।

मायावती ने यहां एक बयान में किसी का नाम लिये बगैर कहा, ”विपक्ष के गठबंधन में बसपा सहित अन्य जो भी पार्टियां शामिल नहीं हैं उनके बारे में किसी का भी फिजूल की टीका-टिप्पणी करना उचित नहीं है। मेरी उन्हें सलाह है कि वह इससे बचें, क्योंकि भविष्य में, देश में, जनहित में कब किसको, किस की जरूरत पड़ जाए, कुछ भी कहा नहीं जा सकता।”

बसपा प्रमुख ने कहा, ”टीका-टिप्पणी करने वाले ऐसे लोगों और पार्टियों को बाद में काफी शर्मिंदगी उठानी पड़े यह ठीक नहीं है। इस मामले में समाजवादी पार्टी खासतौर पर इस बात का जीता जागता उदाहरण है।”मायावती की अगुवाई वाली बसपा विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल होने से साफ इंकार करते हुए अपने बलबूते अगला लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है।

मायावती ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का संसद परिसर में निलंबित विपक्षी सांसदों द्वारा मजाक उड़ाए जाने का वीडियो बनाने को ‘अशोभनीय’ करार देते हुए कहा कि सरकार और विपक्ष के बीच जबरदस्त मतभेद, तनाव और टकराव वाली घटनाओं से देश के लोकतंत्र एवं संसदीय परंपराओं को शर्मसार होने से बचाना बहुत जरूरी है।

उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी किसी एक की नहीं बल्कि सभी की है।उन्होंने हाल ही में लोकसभा की सुरक्षा में चूक को भी गंभीर चिंता का विषय बताते हुए कहा कि इस मामले में सभी को मिलकर संसद की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए और आरोप-प्रत्यारोप के बजाय सभी को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।मायावती ने कहा कि इस मामले के जो भी दोषी और षड्यंत्रकारी हैं उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई भी होना बेहद जरूरी है।

बसपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी पूर्ण रूप से धर्मनिरपेक्ष दल है और उसे अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर के अगले महीने होने जा रहे उद्घाटन पर कोई भी ऐतराज नहीं है ।उन्होंने साथ ही कहा कि बसपा को अयोध्या में अदालत के आदेश पर सरकार द्वारा निर्धारित की गई जमीन पर निर्मित होने वाली मस्जिद के उद्घाटन पर भी कोई आपत्ति नहीं होगी।

उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर कहा, ”लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इसकी आड़ में जो घिनौनी राजनीति की जा रही है वह अत्यंत दुखद और चिंतनीय भी है।”मायावती ने कहा कि ऐसी चीजों से देश कमजोर ही होगा और इससे लोगों में आपसी नफरत पैदा होती है जो कतई उचित नहीं है।