विनिर्माण क्षेत्र को भारत की आर्थिक वृद्धि में एक चौथाई योगदान देना चाहिए: महिंद्रा एंड महिंद्रा

महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अनीश शाह ने शुक्रवार को कहा कि 2047 तक 30,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था और एक विकसित देश (विकसित भारत) बनने की महत्वाकांक्षा के बीच विनिर्माण क्षेत्र को भारत की आर्थिक वृद्धि में एक चौथाई योगदान देने की जरूरत है।

एबीपी नेटवर्क के ‘आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 3.0’ में राष्ट्रीय विकास और आर्थिक समृद्धि को तेज करने में उद्योगों तथा उद्यमों की भूमिका पर अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए उन्होंने कहा कि अगले सात साल में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से वैश्विक जीडीपी में उतना ही योगदान होने की उम्मीद है, जितना पूरे यूरोपीय संघ का मिलकर होता है।

शाह ने कहा, ‘‘भारत ने विकसित भारत बनने के लिए 2047 तक 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है। इसका मतलब है कि विनिर्माण सकल घरेलू उत्पाद का 25 प्रतिशत होना चाहिए… हमें अधिक महत्वाकांक्षी होना चाहिए और विनिर्माण को 16 गुना और निर्यात को 11 गुना बढ़ाना चाहिए।”उन्होंने कहा कि अंतरिम बजट में राजनीति पर अर्थशास्त्र को प्राथमिकता दी गई है, राजकोषीय सूझ-बूझ को अपनाया गया है और पूंजीगत व्यय में अधिक निवेश किया गया है।शाह ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में शानदार काम किया है। भारत में विनिर्माण को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए बुनियादी ढांचे का बड़े पैमाने पर विकास किया जा रहा है।