मद्रास उच्च न्यायालय ने अन्नाद्रमुक सरकार में खाद्य मंत्री रहे आर. कामराज के खिलाफ कथित रूप से लगे आरोपों की जांच पर सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) से 15 नवंबर तक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। पिछले अन्नाद्रमुक शासन में आवश्यक वस्तुओं की खरीद में राज्य के खजाने को लगभग 350 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
अन्नाद्रमुक के पूर्व सदस्य वी. पुगलेंधी ने उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने पूर्व मंत्री के खिलाफ 2018 में शिकायत दर्ज करने के बावजूद जांच में ढ़िलाई बरतने का आरोप लगाया और जांच एजेंसी को यह निर्देश देने की मांग की गई कि जांच समयबद्ध रूप से पूरा होना चाहिए, न्यायमूर्ति एडी जगदीश चंदीरा ने सरकारी वकील को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि डीवीएसी रिपोर्ट 15 नवंबर तक अदालत के समक्ष पेश किया जाना चाहिए।
याचिका में यह दलील दिया गया कि अन्नाद्रमुक की पूर्व नेता और मुख्यमंत्री जयललिता ने कुछ दुष्प्रभावों का हवाला देते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए मसूर दाल की खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन दिसंबर 2016 में उनकी मृत्यु होने के बाद और के.पलानीस्वामी मंत्रालय में खाद्य मंत्री रहते हुए श्री कामराज ने इसकी खरीद की सिफारिश की थी।
यह दावा करते हुए कि एक चुनिंदा ठेकेदार से ज्यादा कीमत पर दाल खरीदी गई थी, उन्होंने आरोप लगाया कि पाम तेल और अन्य वस्तुओं की खरीद में भी अनियमितताएं हुईं, जिससे राजकोष को भारी नुकसान हुआ और मंत्री और अन्य लोगों को गैरकानूनी लाभ प्राप्त हुआ।
यह कहते हुए कि 2018 में उन्होंने इसकी शिकायत की थी लेकिन तत्कालीन अन्नाद्रमुक सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। याचिकाकर्ता ने कहा कि मई 2021 में द्रमुक के सत्ता में आने के बाद उन्हें 09 मार्च, 2022 को डीवीएसी से जवाब प्राप्त हुआ था कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।
न्यायमूर्ति चंदीरा ने जब जांच की धीमी गति का कारण पूछा तो सरकारी वकील ने कहा कि डीवीएसी को इसी तरह की तीन शिकायतें मिली हैं और एजेंसी ने विस्तृत जांच शुरू करने से पहले प्रारंभिक जांच की है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अत्यधिक निविदा दस्तावेजों की जांच करने की आवश्यकता है और डीवीएसी ने अब तक तमिलनाडु नागरिक आपूर्ति निगम के 15 अधिकारियों से पूछताछ की है। दलीलें दर्ज करने के बाद न्यायाधीश ने डीवीएसी को 15 नवंबर तक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई 15 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।