जानिए,वात-कफ़ को कैसे दूर करती है हींग

हींग पाचन और हृदय सम्बन्धी रोगो के लिए बहुत ही लाभकारी है. यह वात-कफ़ को दूर करने में तथा उदर संबंधी रोगो से छुटकारा दिलाता है, पेट की गैस को भी समाप्त करने में सहायक है. आइये जानते है हींग के बारे में विस्तार से:-

हींग के घरेलू नुस्ख़े :-

पेट में गैस हो गई हो, पेट फूल गया हो, पेट में दर्द हो रहा हो, तो नाभि के आसपास और पेट पर हींग का लेप करने से थोड़े समय में ही आराम आ जाता है.

हींग, कपूर और आम की गुठली सममात्रा में लेकर पुदीने के रस में पीसकर चने के बराबर गोलियां बना लें. 4-4 घंटे के अंतराल पर यह गोली देने पर हैजे में फ़ायदा होता है.

हींग को पानी में उबालकर उस पानी से कुल्ले करने से दांत की पीड़ा दूर होती है. यदि दांत में पोल हो, तो पोल में हींग भरने से दांत के कीड़े मर जाते हैं और दांत की पीड़ा दूर हो जाती है.

हींग, सेंधा नमक और घी 10-10 ग्राम लेकर 120 मि.ग्रा. गोमूत्र में मिलाएं. फिर इसे आंच पर रखकर इतना पकाएं कि केवल घी बाकी रह जाए. यह घी पीने से मिर्गी रोग का शमन होता है.

गिल्टी के दर्द में एक बीज निकाला हुआ मुनक्का लेकर उसमें दो ग्राम भुनी हींग मिलाकर चबाकर खाएं. जाएं. ऊपर से दो घूंट गरम पानी पी लें. असर होते देर नहीं लगेगी. दूसरे दिन इस दवा की एक ख़ुराक और ले लें. रोग हमेशा के लिए ख़त्म हो जाएगा.

10-10 ग्राम हींग, कालीमिर्च और कपूर व 4 ग्राम अफीम लेकर अदरक के रस में छह घंटे तक घोंटें. फिर 1-1 रत्ती की गोलियां बनाएं. 1 से 2 गोली दिन में तीन बार लेने से दस्त से छुटकारा मिलता है.

बिच्छू के दंश मारने पर हींग को घिसकर दंशवाले स्थान पर लगाने से लाभ होता है.

हींग और अफीम बराबर मात्रा में लेकर तिल के तेल या मोम व तिल में अच्छी तरह पीसें और फेंटकर मलहम बना लें. इस मलहम को कंठमाला पर लगाने से कंठमाला पककर फूट जाता है और आराम मिलता है.

घी में भूनी हुई हींग घी के साथ खाने से गर्भवती स्त्री को आनेवाला चक्कर और शूल मिटता है.

हींग, सोंठ और मुलहठी- समान मात्रा में लेकर पीस लें. फिर शहद मिलाकर चने के बराबर गोलियां बना लें. भोजन के बाद एक गोली मुंह में रखकर दोनों व़क्त चूसें. कब्ज़ से राहत मिलेगी.

 

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