जब फेफड़े खराब होने लगते हैं तो उनका रंग लाल की बजाय काला पड़ने लगता है. छोटी-छोटी नलियां सिकुड़ जाती हैं और सांस लेने में तकलीफ होती है. हमारे फेफड़ों को स्मोकिंग, वायु प्रदूषण और अनहेल्दी खाने से गंभीर नुकसान पहुंचता है. लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि कुछ लोगों के फेफड़ों के लिए मोमबत्ती जलाना भी नुकसानदायक हो सकता है. आरहूस यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ की एक शोध में पाया गया कि कुछ लोगों के लिए घर के अंदर का प्रदूषण बाहर के प्रदूषण जितना ही नुकसानदायक हो सकता है. इसमें मोमबत्ती का धुआं, खाना बनाने के समय निकलने वाला धुआं की मात्रा सबसे ज्यादा होती है.
मोमबत्ती जलाने से किसे सबसे ज्यादा खतरा
इस स्टडी के मुताबिक, ऐसे लोग जिन्हें हल्का सा भी अस्थमा है, उन्हें मोमबत्ती के धुएं से बचना चाहिए. क्योंकि यह उनके फेफड़े में जाकर जम सकता है और सांस लेने में दिक्कत पैदा कर सकता है. इसकी वजह से लगातार खांसी और दम घुटने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं. मोमबत्ती का धुआं डीएनए डैमेज करने के साथ ब्लड इंफ्लामेशन की समस्या भी पैदा कर सकता है.
कितना खतरनाक है मोमबत्ती
रिसर्च की राइटर Karin Rosenkilde Laursen के मुताबिक, यह स्टडी 18-25 साल के युवाओं पर हुई है. ये बच्चों और बुजुर्गों की तुलना में काफी फिट होते हैं. ऐसे में हल्के अस्थमा के मरीजों से जो रिजल्ट मिला है, वो बच्चों और बुजुर्गों के प्रति चिंता बढ़ाते हैं.
मोमबत्ती या कुकिंग करते समय क्या करें
जब भी घर में मोमबत्ती या कुकिंग करें तो सबसे पहले वेंटिलेशन का पूरा ध्यान रखें. इससे हानिकारक धुआं और गैस घर के अंदर नहीं जमा होगा और सांस लेने में परेशानी नहीं होगी. खाना बनाते और मोमबत्ती जलाने के दौरान खिड़की-दरवाजे खोलकर रखें. स्टडी के मुताबिक, सिर्फ अस्थमा के मरीजों के लिए मोमबत्ती नुकसानदायक नहीं होता बल्कि यह फेफड़ों के लिए भी खतरनाक हो सकता है. सर्दी के मौसम में खिड़की और दरवाजे अक्सर बंद रहते हैं. ऐसे में कुकिंग और मोमबत्ती का धुआं ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है.
फेफड़े मजबूत करने क्या खाएं
फेफड़ों को मजबूत और साफ रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फूड्स खाना चाहिए. इससे फेफड़े रिलैक्स होते हैं और उनकी गंदगी बाहर निकल जाती हैं. खाने में आप चुकंदर, मिर्च, सेब, कद्दू, हल्दी, टमाटर, ब्लूबेरी, शिमला, ऑलिव ऑयल, योगर्ट, ब्राजील नट्स और कॉफी का सेवन कर सकते हैं.
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