भारत सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने व्यापार संबंधों को मजबूत करने और देश में निवेश आकर्षित करने के लिए सिंगापुर की यात्रा की। उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने सिंगापुर में उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों के साथ चर्चा की और सोमवार को निवेशक गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लिया।
सिंह ने सिंगापुर बिजनेस फेडरेशन की साझेदारी में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और सिंगापुर में भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित खाद्य एवं मशीनरी क्षेत्र पर ‘‘भारत-सिंगापुर व्यापार गोलमेज सम्मेलन’’ को भी संबोधित किया। फिक्की के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि यह आयोजन भारतीय और सिंगापुर के व्यवसायों के लिए व्यापार, संयुक्त उद्यम, प्रौद्योगिकी आदान-प्रदान तथा साझेदारी बढ़ाने के रास्ते तलाशने के लिए एक मंच के तौर पर काम करता है।
अधिकारी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल की यात्रा का मकसद निवेशकों को भारत में आमंत्रित करना और भारत तथा सिंगापुर के बीच व्यापार संबंधों को बढ़ाना था। प्रतिनिधिमंडल ने नवीकरणीय ऊर्जा तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर पर निवेशक गोलमेज सम्मेलन में भी हिस्सा लिया। एंटरप्राइज सिंगापुर और इन्वेस्ट इंडिया द्वारा आयोजित इन सत्रों में दोनों देशों के बीच निवेश संबंधों तथा सहयोगी उद्यमों को बढ़ाने की क्षमता पर व्यापार जगत के लोगों के साथ बातचीत की गई। सिंगापुर भारत का 8वां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। सिंगापुर में भारतीय उच्चायोग के अनुसार वर्ष 2022-23 में द्विपक्षीय व्यापार 35.59 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो 2021-22 की तुलना में 18 प्रतिशत की वृद्धि है।