मीठा खाना लगभग हर किसी को पसंद होता है। और जब मीठे में गाजर का हलवा सामने हो तो मन और भी करता है खाने का। लेकिन कई बार अधिक मीठा खाने से डायबिटीज की प्रॉब्लम हो जाती है जो फिर बाद में समस्या बन जाती है। हलवा एक ऐसा डेजर्ट है, जिसे कभी भी बहुत ही जल्दी तैयार किया जा सकता है, लेकिन हमारे यहां इसे बनाने का तरीका ऐसा है कि जिसके कारण इसे खाने से सिर्फ शुगर और फैट बढ़ता है, जो स्वास्थ सम्बंधित कई समस्या की वजह बन सकता है, तो अगर हलवा आपके भी मनपसंद डिशेज में से एक है, तो आज हम इसे बनाने के ऐसे तरीके बताएँगे। जिससे आप बेफिक्र होकर ले सकते हैं जब मन चाहे इसका मजा।
सामग्री :-
सूजी, आटे और बेसन का अधिक उपयोग हलवा बनाने में किया जाता है, लेकिन अगर आप स्वस्थ हलवा तैयार करना चाहते हैं, तो इन चीज़ों की जगह लौकी, गाजर और चुकंदर जैसी सब्जियों और आलू, केले, सेब जैसे फलों का उपयोग कर सकते है। इनसे बने हलवे बहुत ही टेस्टी होते है।
ड्राई फ्रूट डालें :-
हलवे को और रिच बनाने के लिए या उसके फायदे बढ़ाने के लिए उसमें अच्छी मात्रा में सूखे मेवे जैसे- बादाम, अखरोट, किशमिश और काजू का उपयोग करें। सूखे मेवे खनिज, प्रोटीन, फाइबर और विटामिन से भरपूर होते हैं। ये आपको एनर्जी देते हैं।
घी का उपयोग :-
फैट को हमेशा अनहेल्दी समझा जाता है, लेकिन अगर आप सीमित मात्रा में इसका उपयोग करें, तो ये किसी भी तरह से स्वास्थ्य के लिए खराब नहीं होता, बल्कि थोड़ा फैट हमारे शरीर के लिए जरूरी भी होता है। वैसे घी हेल्दी फैट माना जाता है।इसमें मोनोअनसैचुरेटेड ओमेगा -3 फैटी एसिड की अच्छी-खासी मात्रा होती है, तो इसकी थोड़ी मात्रा हलवे में डालने में कोई बुराई नहीं है।
चीनी की जगह दूसरा ऑप्शन चुनें :-
चीनी के अधिक उपयोग से स्वस्थ पर बुरा असर पड़ता है, यह तो आप सब जानते ही होंगे, लेकिन अगर आप हेल्दी तरीके से हलवा बनाना चाहते हैं, तो उसमें चीनी की जगह दूसरे हेल्दी ऑप्शन्स को चुनें। इसमें गुड़, खांड या बूरे का उपयोग कर सकते हैं। जो चीनी के मुकाबले ज्यादा हेल्दी होते हैं। सबसे अच्छी बात कि इनसे डिश के स्वाद पर भी कोई असर नहीं पड़ता।
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