कैसे दिख रहे राम लला: स्वर्णिम मुकुट, हार और धनुष, प्राण प्रतिष्ठा के समय मन मोहने वाला शृंगार

अयोध्या में आखिर रामलला विराजमान हो गए। पूरे विधि-विधान के साथ भगवान के बाल रूप की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसी बीच रामलला की मूर्ति की बेहद खास तस्वीरें सामने आई हैं। शृंगार युक्त मूर्ति में भगवान के पूरे स्वरूप को देखा जा सकता है। तस्वीर में रामलला माथे पर तिलक लगाए बेहद सौम्य मुद्रा में दिख रहे हैं।

आइये जानते हैं रामलला की मूर्ति की सभी विशेषताएं…

रामलला की मूर्ति की क्या विशेषता है?

भगवान राम के बाल रूप की मूर्ति को गर्भ गृह में स्थापना के बाद सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई है। तस्वीर में रामलला माथे पर तिलक लगाए बेहद सौम्य मुद्रा में दिख रहे हैं। आभूषण और वस्त्रों से सुसज्जित रामलला के चेहरे पर भक्तों का मन मोह लेने वाली मुस्कान दिखाई दे रही है। कानों में कुंडल तो पैरों में कड़े पहने हुए हैं। मूर्ति के नीचे आभामंडल में चारों भाइयों राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की छोटी-छोटी मूर्तियों की पूजा की गई है।

 

करीब 200 किलोग्राम वजनी है मूर्ति

मूर्ति की विशेषताएं देखें तो इसमें कई तरह की खूबियां हैं। मूर्ति का वजन करीब 200 किलोग्राम है। इसकी कुल ऊंचाई 4.24 फीट, जबकि चौड़ाई तीन फीट है। कमल दल पर खड़ी मुद्रा में मूर्ति, हाथ में तीर और धनुष है। कृष्ण शैली में मूर्ति बनाई गई है। मूर्ति श्याम शिला से बनाई गई है, जिसकी आयु हजारों साल होती है। मूर्ति को जल से कोई नुकसान नहीं होगा। चंदन, रोली आदि लगाने से भी मूर्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

और क्या खास है?

रामलला के चारों ओर आभामंडल है। मूर्ति के ऊपर स्वास्तिक, ॐ, चक्र, गदा, सूर्य भगवान विराजमान हैं। श्रीराम की भुजाएं घुटनों तक लंबी हैं। मस्तक सुंदर, आंखें बड़ी और ललाट भव्य है। भगवान राम का दाहिना हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में है। मूर्ति में भगवान विष्णु के 10 अवतार दिखाई दे रहे हैं। मूर्ति नीचे एक ओर भगवान राम के अनन्य भक्त हनुमान जी तो दूसरी ओर गरुड़ जी को उकेरा गया है। मूर्ति में पांच साल के बच्चे की बाल सुलभ कोमलता झलक रही है। मूर्ति को मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। इससे पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि जिस मूर्ति का चयन हुआ उसमें बालत्व, देवत्व और एक राजकुमार तीनों की छवि दिखाई दे रही है।

कठिन था मूर्ति का चयन

अयोध्या के श्रीराम मंदिर में तीन मूर्तियों को स्थापित किया गया हैं, जिसमें से एक मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया गया है। इनके बनने के बाद सबसे बड़ा सवाल तो यह था कि गर्भ गृह में किस रूप में रामलला विराजमान होंगे। मूर्तिकारों ने तीनों मूर्तियों को इतना सुंदर बनाया कि चयन करना कठिन हो रहा था कि कौन सी सुंदर है और कौन सी उतनी नहीं है। अंततः बाल रूप वाली मूर्ति को राम मंदिर के गर्भ गृह में विराजने का फैसला लिया गया।

 

अब ऐसे दिख रहे रामलला

 

रामलला पीतांबर से सुशोभित हैं और हाथों में धनुष बाण धारण किए हुए हैं।

रामलला ने सोने का कवच कुंडल, करधन माला धारण की हुई है।

रत्न जड़ित मुकुट का वजन करीब पांच किलो बताया जा रहा है।

रामलला के मुकुट में नौ रत्न सुशोभित हैं और गले में सुंदर रत्नों की माला है।

भगवान रामलला की कमरबंद भी सोने से बना है।

रामलला के आभूषणों में रत्न, मोती, हीरे शामिल हैं।

रामलला के चरणों में वज्र, ध्वजा और अंकुश के चिन्ह शोभित हैं।

कमर में करधनी और पेट पर त्रिवली हैं।

रामलला की विशाल भुजाएं आभूषणों से सुशोभित हैं।

रामलला की छाती पर बाघ के नख की बहुत ही निराली छटा है।

छाती पर रत्नों से युक्त मणियों के हार की शोभा है।