ये घरेलू उपाय से गॉल ब्लैडर स्टोन की समस्या से निजात पाये, कुछ ही दिनों में मिलेगा राहत

खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण अधिकतर लोगों को किडनी के स्टोन के अलावा गॉल ब्लैडर की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही हैं। 9 से 17 प्रतिशत लोगों में गॉल ब्लैडर स्टोन के लक्षण पाए जाते हैं। यह समस्या 30 से 50 साल की महिलाओं में सबसे ज्यादा देखी जा रही है। आज हम आपको बताएँगे गॉल ब्लैडर स्टोन होने के कारण और  निजात पाने के आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय।

गॉल ब्लैडर स्टोन की समस्या डायबिटीज, मोटापा, प्रेग्नेंसी, मोटापे के बाद सर्जरी, लंबी बीमारी के कारण, ज्यादा देर भूखे रहने या फिर दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण अधिक होती है। पथरी 2 तरह की होती है गॉल ब्लैडर स्टोन और किडनी स्टोन।

गॉल ब्लैडर स्टोन
यह स्टोन शरीर में अधिक मात्रा में कोलेस्ट्राल होने के कारण होती हैं। पित्त यानी बायल लिवर में बनता है और इसका भंडारण गॉल ब्लैडर में होता है। यह पित्त फैट युक्त भोजन को पचाने में मदद करता है। लेकिन जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल और बिलरुबिन की मात्रा ज्यादा हो जाती है, तो पथरी बन जाती हैं।

गॉल ब्लैडर के लक्षण
बहदजमी
खट्टी डकार
पेट फुलना
एसिडिटी
पेट में भारीपन
उल्टी
पसीना
गॉल ब्लैडर स्टोन से निजात पाने के लिए आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय
पत्थरचट्टा

पत्थरचट्टा का पौधा आसानी से कही पर भी मिल जाता है। जिसका सेवन करके आप आसानी से किडनी के स्टोन के साथ गॉल ब्लैडर के स्टोन से निजात पा सकते हैं। इसके लिए पत्थर चट्टा का 3-3 पत्तों दिन में 3 बार चबा कर खा लें।

कुलथ की दाल

गॉल ब्लैडर और किडनी के स्टोन से छुटकारा पाने के लिए कुलथ की दाल काफी फायदेमंद है। इसके लिए रात को पानी में कुलथ की दाल भिगो दें। सुबह इसका काढ़ा या फिर दाल बनाकर खा लें।

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अश्मरी क्वाथ

स्वामी रामदेव के अनुसार गॉल ब्लैडर स्टोन से निजात के लिए अश्मरी क्वाथ और रस का सेवन कर सकते हैं।

कपालभाति
इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट करें। हर 5 मिनट के बाद 1 मिनट आराम करें। सामान्य व्यक्ति 3 बार 5-5 मिनट करें।

अनुलोम विलोम

सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।

ध्यान रखें ये बातें

  • तली हुई चीजे न खाएं
  • हरी साग-सब्जियां खाएं
  • अधिक से अधिक पानी पिएं।

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