राम मंदिर की स्थापना भारत के सांस्कृतिक गौरव की पुनर्प्रतिष्ठा : राज्यपाल आनंदीबेन

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों को संबोधित किया, जिसके साथ ही बजट सत्र की शुरुआत हो गयी।

राज्यपाल ने अपने अभिभाषण की शुरुआत में विधानमंडल के सभी सदस्यों और प्रदेश वासियों के लिए सुख, शांति, समृद्धि और संपन्नता की कामना की। उन्होंने हाल ही में संपन्न हुए राममंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की विशेष तौर पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में वर्ष 2024 अविस्मरणीय स्मृति के रूप में दर्ज हो गया है। लगभग पांच शताब्दियों की सुदीर्घ प्रतीक्षा के बाद 22 जनवरी 2024 को सनातन भारतीय संस्कृति के प्राण, हमारे आदर्श प्रभु श्री रामलला अपनी जन्मभूमि अयोध्या में नव्य, भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान हो गये हैं।

उन्होंने कहा कि पूरा विश्व इस अलौकिक अवसर का गवाह बना है और भारतीय जन आस्था के संकल्प की सिद्धि के प्रतीक श्री राम जन्मभूमि मंदिर की स्थापना भारत के सांस्कृतिक गौरव की पुनर्प्रतिष्ठा है। उन्होंने कहा, ”हम सभी आजादी के अमृत काल में प्रवेश कर चुके हैं। ऐसे विशिष्ठ कालखंड में हमारी सांस्कृतिक विरासत का यह दिव्य प्रतिमान हमें और आने वाली पीढ़ियों को प्रभु श्रीराम के आदर्शों पर चलने को सदैव प्रेरित करता रहेगा।”

राज्यपाल ने अयोध्या में रामभक्तों की सुविधा और सुगम दर्शन के लिए प्रदेश सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि अयोध्या में विकास के अनेक उपयोगी कार्य संपन्न कराए गये हैं, आज अयोध्या जल-थल-नभ की बेहतरीन कनेक्टिविटी से सम्पन्न हो रहा है, यहां लगभग 31,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं जारी हैं। उन्होंने कहा कि आज अयोध्या अपने त्रेतायुगीन वैभव के साथ नगरीय विकास और संपन्नता के मॉडल के रूप में नवीन मानक गढ़ रहा है।

राज्यपाल ने प्रयागराज महाकुम्भ-2025 के संबंध में सदन को अवगत कराते हुए कहा कि सरकार द्वारा सभी संतगणों, स्नानार्थियों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और विश्व भर से आने वाले पर्यटकों, शोधार्थियों, जिज्ञासुओं की सुरक्षा, सेवा और सुविधा के लिए उत्तम प्रबंध किए जा रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रयागराज महाकुम्भ-2025 वैश्विक स्तर पर नवीन कीर्तिमान गढ़ेगा।