नवजात शिशु के पेट में दर्द व गैस से छुटकारा दिलाने के आसान घरेलू उपाय

नवजात शिशु के माता पिता शिशु की हर छोटी बड़ी हरकतों पर अपना ध्यान टिकाए रखते हैं। बच्चे का हंसना जहां माता पिता की खुशी का कारण बनता है, तो वहीं उसका रोना खासतौर से न्यू मॉम्स की चिंताएं बढ़ा देता है। यूं तो कई कारणों से बच्चे लंबे वक्त तक रोते रहते है। मगर इन्हीं में से एक कारण है कॉलिक पेन यानि बच्चे के पेट में जमा गैस की समस्या। तो आइये जानते है इसके बारे में विस्तार से।

क्या है कॉलिक पेन का कारण:-

सबसे पहले इस बात को समझना ज़रूरी है कि बच्चे के रोने का कारण कॉलिक पेन नहीं है बल्कि वो सेंसेशन है,जन्म के 15 से 20 दिन के बाद बच्चों को गैस के कारण कॉलिक की समस्या से जूझना पड़ता है, जो एक से दो महीने के बच्चे में बढ़ती है। फिर 3 महीने का बच्चा धीरे धीरे सेटेल होने लगता है। बच्चा गैस पास करते वक्त और स्टूल पास करते हुए रोने लगता है, जो सामान्य है। ऐसे में कुछ सामान्य टिप्स की मदद से बच्चों की इस समस्या का दूर किया जा सकता है।

इन नुस्खों को अपनाएं:-

बच्चे को रोज़ाना पेट के बल लिटाकर कुछ देर तेल से शरीर की मसाज करने से गैस की समस्या हल होने लगती है। पीठ, टांगों और बाजूओं की मसाज से शिशु का आराम मिलता है और शरीर की थकान दूर होती है। इसके अलावा बच्चे के ज्यादा रोने पर नाभि के पास तेल की मसाज करने से लाभ मिलता है।

दर्द से परेशान बच्चे को पीठ के बल लिटाकर दोनों टांगों को साइकिल चलाने के समान घुमाएं। इस एक्सरसाइज़ को नियमित तौर पर बच्चों को करवाने से पेट में जमा गैस पास होने लगती है। साथ ही पेट में होने वाली ऐंठन कम हो जाती है।

बच्चे का ध्यान बार बार दर्द की ओर जाने से बचाने के लिए उसे कुछ देर के लिए किसी गतिविधि में शामिल करने की कोशिश करें। इसके अलावा उसे बाहर घुमानें ले जाएं। इससे बच्चा धीरे धीरे पेट में होने वाली ऐंठन की समस्या को भूलने लगता है।

देर तक लेटने से बच्चे के पेट में गैस की समस्या का जोखिम बढ़ने लगता है। इससे बचने के लिए बच्चे को मां का स्पर्श बेहद फायदा पहुंचाता है। शिशु को गोद में उठाकर झुलाने और कुछ देर बातें करने और घुमाने से बच्चे को दर्द से राहत मिलने लगती

कॉलिक पेन की समस्या को दूर करने के लिए हींग में पानी मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। अब इस पेस्ट को बच्चे की नाभि के पास सर्कुलर मोशन में लगाएं। इससे पेट में जमा गैस की समस्या हल हो जाती है और शरीर हेल्दी बना रहता है।

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