माता-पिता को हमेशा इस बात की चिंता रहती है कि उनके बच्चों के दांतों में कीड़े न लग जाएं और उन्हें दांतों में दर्द और कैविटी जैसी शिकायत न हो। जैसे कि बच्चों को मीठा खाना बहुत पसंद होता है और कई बार चॉकलेट खाने, शर्बत पीने और मीठी कुकीज़ खाने से उनके दांतों में संक्रमण हो जाता है।दूध के दांतों में कीड़े लगने के कुछ समय बाद वे दांत गिर जाते हैं जिससे कीड़े और कैविटी की समस्या से राहत मिलती है। लेकिन स्थाई दांतों में कीड़े लगने के बाद बच्चे को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।कैविटी के बाद बच्चों को दांत दर्द, मसूड़ों में सूजन और ठीक से खा-पी न पाने जैसी समस्याएं होने लगती हैं, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है। दांतों में सड़न के बाद होने वाली समस्याओं से बचने के लिए आप पहले से ही कुछ बातों का ध्यान रख सकते हैं। जैसे उन गलतियों और आदतों से बचें जिनकी वजह से बच्चों के दांतों में संक्रमण हो जाता है। इसी तरह छोटे बच्चों की दंत चिकित्सा देखभाल और मौखिक स्वच्छता से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण बातें इस लेख में पढ़ें।
बच्चों के दांतों में कीड़े लगने के कारण क्या हैं?
- मीठा खाने की आदत।
- दांतों की साफ-सफाई ठीक तरीके से ना करना ।
- दूध पीकर सोने से भी बच्चों के दांत खराब हो सकते हैं।
- जंक फूड खाने की आदत।
- पोषण की कमी (विटामिन डी, कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी)
- जेनटिक कारण और पारिवारिक हिस्ट्री ।
बच्चों के दांतों को कीड़ों से बचाने के उपाय क्या हैं?
बच्चों को मीठी चीजें जैसे शक्कर, चॉकलेट, जेली और कोल्ड्रिंक्स आदि ना दें।
बच्चों को च्यूइंगम खाने से रोकें।
दिन में कम से कम दो बार ब्रश करने के लिए बच्चों को मोटिवेट करें। सुबह उठने के बाद और रात में सोने से पहलेबच्चों के दांतों की अच्छी तरह सफाई करने को कहें।
बच्चों को बहुत ठंडा या बहुत गर्म खाना ना खाने दें। इससे दांतों को नुकसान होता है।
मैदे से बनी चीजें जैसे नूडल्स, पास्ता और ब्रेड खाने से रोकें।
बच्चों को डीप-फ्राइड , जंक फूड और फास्ट फूड ना खाने देँ।
दांतों की अच्छी हेल्थ के लिए कैल्शियम, विटामिन सी
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