क्या आपका बच्चा रात को नहीं सोता? तो इन 5 आसान तरीकों से पाएं अच्छी नींद

बच्चों को समय पर सुलाना माता-पिता के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। विभिन्न शोध अनुमानों के अनुसार, बच्चों (स्कूल जाने की उम्र से पहले) को प्रतिदिन 10 से 13 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है और जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा होता है। यह समय बदलना शुरू हो जाता है। छह से 13 साल की उम्र के बच्चों के लिए दिन में नौ घंटे की नींद पर्याप्त मानी जाती है.यदि आपको अपने बच्चों को सुलाने में परेशानी हो रही है, तो जर्नल साइंटिफिक रिसर्च में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि यदि आपके बच्चे दिन के दौरान विभिन्न गतिविधियों में शामिल होते हैं, तो उनकी नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है।अध्ययन के अनुसार, वे दिन में कुछ न कुछ व्यायाम करते रहते हैं और अपने नियमित समय से 18 मिनट पहले सोते हैं। व्यायाम आपके बच्चों को जल्दी सुलाने का एक तरीका है, वैसे ही हम आपके साथ पांच ऐसे टिप्स साझा करने जा रहे हैं, जिनके जरिए आप अपने बच्चों की नींद में सुधार कर सकते हैं।

प्राकृतिक रोशनी में खेलने दें- अपने बच्चों को दिन के दौरान बाहर जाने और खेलने के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें यथासंभव प्राकृतिक रोशनी में रखें। प्राकृतिक प्रकाश के संपर्क में आने से मेलाटोनिन नामक हार्मोन निकलता है, जो सोने-जागने के चक्र को नियंत्रित करता है। यह आपके बच्चों को दिन में जागने और रात में सोने में मदद करता है।

कैफीन युक्त पेय पदार्थों से दूर रहें- चाय, कॉफी और सोडा जैसे कैफीनयुक्त पेय पदार्थ आपके बच्चों के लिए सोना मुश्किल काम बना देते हैं। इसलिए आपको उन्हें शाम के समय ऐसे पेय पदार्थों से दूर रखना चाहिए, जिससे उन्हें शाम को सोने में आसानी होगी।

सोने का एक निश्चित समय निर्धारित करें- सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा नियमित समय पर सोए और सही समय पर उठे। इससे आपके बच्चों के अंदर एक स्वस्थ आदत विकसित होगी और आपके बच्चों की बॉडी क्लॉक उसी के अनुसार समायोजित हो जाएगी।

सुनिश्चित करें कि वे सुरक्षित महसूस करें-दोपहर बाद बच्चों को डरावनी कहानियां सुनाने और भूतों की फिल्में दिखाने से बचें। अगर वे अंधेरे कमरे में सोने से डर रहे हैं तो आप उनके लिए नाइट लैंप जला सकते हैं, जिससे उन्हें सोने में आसानी होगी।

उन्हें स्वस्थ आहार दें-शुगर और फैट युक्त फूड आपके बच्चों के नींद चक्र को बाधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके साथ ही आप ये भी ध्यान रखें कि आपका बच्चा ज्यादा पानी पीकर भी बिस्तर पर न जाए, इससे उसे बीच रात जागने की ललक जग सकती है, जिससे उसकी नींद खराब होगी।

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