मोटापा आज एक गंभीर समस्या बन गया है। शरीर में चर्बी बढ़ने के कारण हाथ, पैर, पेट, कमर और जांघों पर भी चर्बी जमा होने लगती है। लगातार बैठकर काम करने और कम शारीरिक गतिविधि के कारण जांघों और कूल्हों पर चर्बी बढ़ने लगती है। मोटी और थुलथुली जांघों के कारण कई लोग अक्सर अपनी पसंद के कपड़े नहीं पहन पाते हैं।कई बार जांघों पर चर्बी लटकने के कारण उठने-बैठने में दिक्कत होती है। ऐसे में योगाभ्यास से जांघों की जिद्दी चर्बी को कम किया जा सकता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो जांघ की चर्बी से छुटकारा पाने में कारगर हो सकते हैं। आइये जानते हैं इन योगासनों के बारे में विस्तार से –
1. उष्ट्रासन- इस आसन को करने के लिए जमीन पर घुटने के बल बैठ जाएं और दोनों हाथों को कूल्हों पर रखें।ध्यान रखें कि दोनों घुटने आपके कंधों के समानांतर हों।अब गहरी सांस लें और रीढ़ की निचली हड्डी पर आगे की तरफ दबाव डालें।इस दौरान पूरा दबाव नाभि पर महसूस होना चाहिए।इसके बाद अपने हाथों से पैरों को पकड़ें और कमर को पीइस स्थिति में 30-60 सेकेंड रुकने के बाद आप धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ सकते हैं।इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहराएं।
2. उत्कटासन-इस आसन को करने से लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधा खड़े हो जाएं।अपने पैरों की बीच दूरी बनाकर रखें।अब सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएं।पैरों को घुटनों से मोड़ें और कूल्हों को नीचे की तरफ लाएं।इस अवस्था में आपका आकार कुर्सी जैसा बनेगा।इस मुद्रा में कुछ देर बने रहें।इसके बाद प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।इस आसन को आप 3-5 मिनट तक कर सकते हैं।
3. वीरभद्रासन- इस आसन को करने के लिए योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।अब अपने दोनों पैरों 2-3 फीट की दूरी पर रखें।फिर अपने सीधे पैर को आगे लेकर आए और उल्टेे पर को पीछे की ओर स्ट्रेेच करें।इस दौरान हाथों को 180 डिग्री पर फैला कर रखें।इस अवस्था में 30-60 सेकेंड तक रुकें।फिर प्रारंभिक मुद्रा में आ जाएं।इस आसन को आप 3 से 5 बार कर सकते हैं।
4. वृक्षासनइस- योगासन को करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।अब अपने दाहिने पैर को घुटने को मोड़ें और दाहिने पैर के तलवे को बाएं पैर की जांघ पर सटाने का प्रयास करें।इस दौरान एड़ी ऊपर की तरफ और पंजे जमीन की तरफ होने चाहिए।बाएं पैर पर शरीर का वजन संतुलित करें और सीधे खड़े रहने की कोशिश करें।इसके बाद सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाकर नमस्कार की मुद्रा बनाएं।इस दौरान रीढ़ की हड्डी, कमर और सिर एक सीध में होने चाहिए।इस स्थिति में 30-60 सेकंड तक रहें।फिर सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक मुद्रा में आ जाएं।
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