अमरूद एक ऐसा फल है जो लगभग हर मौसम में बड़े ही आसानी से मिल जाता है। अमरूद सभी सीजनल फलों पर भारी पड़ता है। इसका उपयो हमारे स्वास्थ के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। इसमें कई औषधीय गुण भी पाए जाते है। यह हमरे पाचन को भी दुरुस्त बनाता है। तो आइये जानते है इसके बारे में विस्तार से।
अमरूद को हर तरह की भूमि पर लगाया जा सकता है
अमरूद के बाग किसी भी तरह की भूमि पर लगाए जा सकते हैं। उचित जलनिकास वाली बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए उपयुक्त है। पौधरोपण करते समय पौध से पौध और लाइन से लाइन की मानक दूरी 5 से 6 मीटर रखें। पौधों के बड़े होने तक चार पांच साल तक इसमें सीजन के अनुसार इंटर क्रॉपिंग भी कर सकते हैं।
जाड़े वाले अमरूद के फल अपेक्षाकृत बेहतर गुणवत्ता के होते हैं
जाड़े में मिलने वाले अमरूद अपेक्षाकृत बेहतर गुणवत्ता के होते हैं। मांग अच्छी होने से दाम भी अच्छे मिलते हैं। अगर आप जाड़े में अधिक फल चाहते हैं तो मार्च अप्रैल में आने वाले फूल को शाखाओं सहित निकाल दें। इससे जाड़े की फलत और फलों की गुणवत्ता बेहतर हो जाएगी। रोपण का उचित समय जुलाई अगस्त है। सिंचाई का साधन उपलब्ध होने पर फरवरी में भी पौधे लगा सकते हैं।
खनिज, विटामिंस और रेशा से भरपूर
अमरुद खास स्वाद और सुगंध के अलावा विटामिन सी से भरपूर शर्करा, पेक्टिन भी होता है। साथ ही इसमें खनिज, विटामिंस और रेशा भी मिलता है। इसीलिए इसे अमृत फल और गरीबों का सेव भी कहते हैं। ताजे फलों के सेवन के अलावा प्रोसेसिंग कर इसकी चटनी, जेली, जेम, जूस और मुरब्बा आदि भी बना सकते हैं।
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