गर्मी का मौसम आते ही स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां भी शुरू हो जाती हैं। स्कूल-ट्यूशन की छुट्टियां होने के कारण बच्चे दिनभर घर से बाहर खेलते रहते हैं। वहीं, जिन बच्चों को इन दिनों स्कूल या कॉलेज जाना होता है, उन्हें धूप और गर्मी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बच्चों को लू लगने का डर ज्यादा रहता है।धूप और गर्मी के इस मौसम में बच्चों के बीमार पड़ने का खतरा भी बढ़ जाता है. माता-पिता भी अपने बच्चों की खराब सेहत के कारण हमेशा चिंतित रहते हैं।
गर्मियों में बच्चे जल्दी बीमार क्यों पड़ जाते हैं?
बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़ों की तुलना में कमजोर होती है। वहीं, ज्यादा देर तक धूप में खेलने से बच्चों के डिहाइड्रेशन का खतरा भी रहता है। डिहाइड्रेशन के कारण बच्चे बीमार पड़ सकते हैं. वहीं, बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या पर ध्यान न देने से सेहत को भारी नुकसान हो सकता है।इससे बच्चों को कमजोरी, दस्त, उल्टी और त्वचा संक्रमण की समस्या हो सकती है। डिहाइड्रेशन के बाद बच्चों में दिख सकते हैं ऐसे गंभीर लक्षण दिखायी दे सकते हैं-
- थकान (Fatigue)
- पेशाब का रंग बदल जाना
- बार-बार चक्कर आना
- जल्दी-जल्दी प्यास लगना और गला सूखना
गर्मियों में बच्चों को स्वस्थ रखने के उपाय
आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. रविशंकर पोलिसेट्टी – साई गंगा पनाकिया का कहना है कि आयुर्वेद में ऐसे कई उपाय हैं जो जीवनशैली की गलतियों और उनसे होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिला सकते हैं। समय के साथ, कई आयुर्वेदिक उपचार उपयोगी साबित हुए हैं जो स्वस्थ रहने में मदद करते हैं। बदलते मौसम और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली में आप खुद को स्वस्थ रखने और बीमारियों से बचने के लिए स्वस्थ और संतुलित आहार का सहारा ले सकते हैं।
गर्मियों में बच्चों की डाइट रखें ऐसी
बच्चों को ताजे फल और सब्जियां खिलाएं। तरबूज , संतरा और खरबूज जैसे फलों को डाइट में शामिल करें।
इलेक्ट्रोलाइट्स का स्तर ठीक रखने के लिए बच्चों को नारियल पानी पिलाएं।
जब भी बच्चे बाहर से खेलकर आएं उन्हें पानी में नींबू का रस, नमक और शक्कर का घोल पिलाएं।इससे डिहाइड्रेशन से बचाव होगा।
बच्चों को पतली खिचड़ी , दाल का पानी) और सत्तू का घोल पिलाएं।
बच्चों को आम का पन्ना और नींबू की शिकंजी पिलाएं।
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