‘आर्टिकल 370’ में अजय देवगन ने बयां की कश्मीरी पंडितों पर जुल्म की कहानी

बॉलीवुड फिल्म ‘आर्टिकल 370’ लगातार सुर्खियों में है। फिल्म 23 फरवरी 2024 को सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है। इस फिल्म में यामी गौतम, अरुण गोविल, प्रियामणि, किरण करमाकर और दिव्या सेठ मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। इस फिल्म का निर्देशन आदित्य सुहास जंभाले ने किया है, जबकि ‘आर्टिकल 370’ को आदित्य धर, ज्योति देशपांडे और लोकेश धर ने मिलकर प्रोड्यूस किया है।

फिल्म में घाटी से ‘आर्टिकल 370’ हटाए जाने की कहानी बयां की गई है। इसी बीच फिल्म का नया ट्रेलर सामने आया है, जिसमें एक्टर अजय देवगन ने अपनी आवाज दी है।इस नए ट्रेलर में एक्टर बता रहे हैं कि कैसे कश्मीर में ‘आर्टिकल 370’ का जन्म हुआ, आतंकी कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार कर रहे हैं, इसके अलावा वीडियो में पूर्व पीएम नेहरू, महाराजा हरि सिंह और आतंकी बुरहान वानी के बारे में भी जिक्र किया गया है।

वीडियो में अजय देवगन अपनी आवाज में बता रहे हैं, 1947 को भारत आजादी की दहलीज पर था। लेकिन, बंटवारे की आग चारों तरफ फैली हुई थी। देश की 565 रियासतों में से लगभग सभी ने भारत के साथ जुड़ने का फैसला कर लिया था। लेकिन, कुछ का भविष्य अनिश्चित था। जिसमें जम्मू-कश्मीर, जहां की अधिकतर प्रजा मुसलमान थी। मगर शासक हिंदू थे। तत्कालीन महाराजा हरि सिंह हमेशा भारत के साथ जुड़ना चाहते थे।

लेकिन, प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू कश्मीर के विलय को तब तक मानने के लिए तैयार नहीं थे, जब तक महाराजा नेहरू के करीबी दोस्त शेख अब्दुल्ला को कश्मीर की बागडोर देने के लिए तैयार नहीं हो जाते। इसी राजनीति खींचातानी का फायदा उठाकर रात में पाकिस्तान ने अपनी फौज और कबायलियों के साथ कश्मीर में हमला बोल दिया। जवाब में महाराजा ने पंडित नेहरू की शर्त मान ली। मगर इसी दौरान भारतीय सेना कश्मीर से दुश्मन को पूरी तरह से खदेड़ पाती। भारत सरकार ने यूएन के सीजफायर के प्रस्ताव को मानकर पाकिस्तान के साथ जाकर जंग रोक दी। और, इस तरह कश्मीर का एक तिहाई हिस्सा पाकिस्तान के अवैध कब्जे में चला गया।

भारत के एकलौते मुस्लिम बहुसंख्यक राज्य होने का फायदा उठाकर, शेख अब्दुल्ला ने तब की केंद्र सरकार से कश्मीर के लिए एक खास पहचान, एक विशेष राज्य के दर्जे की मांग की, जिसके बाद ‘आर्टिकल 370’ का जन्म हुआ। जिसके अंतर्गत अलग विधान, अलग प्रधान और अलग झंडा को स्वीकार कर अनजाने में अपने ही देश में एक अलग ही मुल्क खड़ा कर लिया गया था। इसका फायदा उठाकर कुछ अलगाववादियों, पाकिस्तानियों और आतंकवादियों ने 90 के दशक से भारत को तोड़ने के लिए कई पैंतरे आजमाए। जंग, जिहाद यहां तक कश्मीरी पंडितों का कत्लेआम और वादियों से निष्कासन।

आगे चलकर 2015 में सोशल मीडिया ने इस जंग को नया स्वरूप दिया। जिहाद के इस बदलते मंजर से उभरा मुजाहिद्दीन का एक नया सितारा, बुरहान वानी। जिसने अपनी भड़काऊ वीडियो से वायरल होकर कश्मीरी युवाओं के दिलों-दिमाग पर कब्जा किया। स्थिति बद से बदतर होती जा रही थी। ऐसे में केंद्र सरकार को यह एहसास हो गया था कि 70 साल पहले हुए एक ऐतिहासिक गलती को सुधारने का वक्त अब आ चुका है।

फिल्म में अरुण गोविल पीएम नरेंद्र मोदी और किरण करमाकर गृहमंत्री अमित शाह का रोल अदा कर रहे है। बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाया था। साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को 2 राज्यों में बांट दिया था और दोनों केंद्र शासित प्रदेश बना दिए गए थे।