आजकल लोग सनस्क्रीन का इस्तेमाल सूरज की हानिकारक UV किरणों से बचने के लिए करते हैं, लेकिन हाल ही में कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि सनस्क्रीन का अधिक इस्तेमाल स्किन कैंसर का कारण बन सकता है। एक फार्मास्युटिकल एनालिटिकल सर्विसेज कंपनी की रिसर्च में पाया गया कि कुछ सनस्क्रीन में बेंजीन (Benzene) की अधिक मात्रा पाई गई, जो कैंसरकारी हो सकता है। लेकिन क्या यह सच है? आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स की राय।
क्या सच में सनस्क्रीन से स्किन कैंसर हो सकता है?
डर्मेटोलॉजिस्ट्स का कहना है कि सनस्क्रीन स्किन कैंसर का कारण नहीं बनता, बल्कि यह UV किरणों से त्वचा की रक्षा करता है। हालांकि, कुछ सनस्क्रीन में मौजूद केमिकल्स हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं और त्वचा एलर्जी का कारण बन सकते हैं।
कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि अगर सही तरीके से सनस्क्रीन लगाया जाए, तो यह स्किन कैंसर के खतरे को कम करता है। लेकिन अगर सनस्क्रीन में हानिकारक केमिकल्स मौजूद हों, तो इसके लंबे समय तक इस्तेमाल से त्वचा प्रभावित हो सकती है। इसलिए केमिकल-बेस्ड सनस्क्रीन की जगह मिनरल-बेस्ड या ऑर्गेनिक सनस्क्रीन का उपयोग करना बेहतर होता है।
अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है या सनस्क्रीन लगाने के बाद जलन महसूस हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
किन केमिकल्स से हो सकता है खतरा?
कुछ सनस्क्रीन में हानिकारक केमिकल्स मौजूद हो सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए सही नहीं हैं। इनमें शामिल हैं:
⚠ बेंजीन (Benzene): एक कैंसरकारी पदार्थ, जो कुछ सनस्क्रीन में पाया जाता है।
⚠ ऑक्सीबेंजोन (Oxybenzone): यह हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है।
⚠ ऑक्टिनॉक्सेट (Octinoxate): स्किन एलर्जी और हार्मोनल बदलाव ला सकता है।
⚠ पैरा-एमिनोबेंजोइक एसिड (PABA): संवेदनशील त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है।
हालांकि, अभी तक इन केमिकल्स और स्किन कैंसर के बीच कोई सीधा वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है। फिर भी, इनसे बचना ही बेहतर होगा।
सनस्क्रीन का सही इस्तेमाल कैसे करें?
✅ हमेशा SPF 30 या उससे अधिक वाला ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन चुनें, जो UVA और UVB किरणों से बचाव करता हो।
✅ मिनरल-बेस्ड सनस्क्रीन जिनमें जिंक ऑक्साइड (Zinc Oxide) और टाइटेनियम डाइऑक्साइड (Titanium Dioxide) होता है, वे त्वचा के लिए सुरक्षित माने जाते हैं।
✅ हर 2-3 घंटे में सनस्क्रीन दोबारा लगाएं, खासकर अगर आप बाहर धूप में हैं या तैराकी कर रहे हैं।
✅ सनस्क्रीन लगाने से पहले पैच टेस्ट जरूर करें, ताकि एलर्जी की संभावना को टाला जा सके।
✅ सिर्फ डॉक्टर की सलाह से ही सनस्क्रीन चुनें, खासकर अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है।
निष्कर्ष:
सनस्क्रीन लगाने से स्किन कैंसर नहीं होता, बल्कि यह UV किरणों से सुरक्षा प्रदान करता है। हालांकि, बाजार में कुछ हानिकारक केमिकल युक्त सनस्क्रीन भी उपलब्ध हैं, जिनसे त्वचा को नुकसान हो सकता है। इसलिए हमेशा अच्छे ब्रांड और सुरक्षित तत्वों वाला सनस्क्रीन ही चुनें और डॉक्टर की सलाह से ही इसका इस्तेमाल करें।
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