पुणे में हुए पोर्शे कार हिट एंड रन मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इस मामले में दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है. क्राइम ब्रांच का दावा है कि इन दोनों ने आरोपी नाबालिग की मेडिकल रिपोर्ट बदलने के लिए रिश्वत ली थी। कांग्रेस नेता रविंद्र धंगेकर ने एनसीपी अजीत पवार गुट के एक मंत्री पर खुलकर आरोप लगाया है कि इस नेता के कहने पर ही डॉक्टरों ने नाबालिग की रिपोर्ट में बदलाव किया था।इस मामले में पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मामले की जानकारी दी।
महाराष्ट्र के पुणे में हुए पोर्श कार हिट एंड रन मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इस मामले में दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है। क्राइम ब्रांच का दावा के ही इन दोनों ने आरोपी नाबालिग की मेडिकल रिपोर्ट को बदलने के लिए रिश्वत ली थी। इन दोनों ने नाबालिग आरोपी को बचाने के लिए उसके ब्लड सैंपल गायब कर दिए थे। इसी ब्लड सैंपल से इस बारे का पता लगाया जाना था कि नाबालिग आरोपी ने उस दिन शराब पी थी या नहीं। पुलिस ने इस मामले में ससुन हॉस्पिटल के 2 डॉक्टर्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस का मानना है कि दोनों डाक्टरों ने ही नाबालिग के ब्लड रिपोर्ट में हेरफेर की। इसी बीच एक और खुलासा किया गया है कि ये खुलासा कांग्रेस नेता रविंद्र धंगेकर की ओर से किया गया। कांग्रेस नेता रविंद्र धंगेकर ने एनसीपी अजीत पवार गुट के एक मंत्री पर खुलकर आरोप लगाया है कि इस नेता के कहने पर ही डॉक्टरों ने नाबालिग की रिपोर्ट में बदलाव किया था।
कांग्रेस नेता रविंद्र धंगेकर ने एनसीपी अजीत पवार गुट के नेता हसन मुश्रीफ पर आरोप लगाया कि हसन मुश्रीफ के कहने पर ही डॉक्टरों ने रिर्पोट में बदलाव किया था। इस आरोप पर जवाब देते हुए राज्य के मेडिकल एजुकेशन मंत्री हसन मुश्रीफ ने कहा कि मुझे इस मामले की जानकारी नहीं थी, कांग्रेस विधायक धनगेकर स्टंटबाज़ी कर रहे हैं। कुछ दिन पहले हुए एक एक्सिडेंट मामले में ससुन हॉस्पिटल के दो डॉक्टर्स को ब्लड सैम्पल बदलने के आरोप में आज गिरफ्तार किया और इस मामले में पुणे से कांग्रेस विधायक रविन्द्र धनगेकर ने मुझपर आरोप लगाया कि मेरे इशारे पर यह सब हुआ। ऐसा मुझ पर झूठा आरोप लगाया। ये मुझे बदनाम करने के लिए किया गया।
मेडिकल एजुकेशन मंत्री ने कहा कि आज सुबह ही मुझे ससुन हॉस्पिटल के दो डॉक्टर की गिरफ्तारी का पता चला। हम इस मामले में कमिटी गठित करेंगे और दोनों डॉक्टर्स की भूमिका की जांच करेंगे। शायद धंगेकर को जानकारी नहीं होगी। मैं इन्हें अच्छा लोकप्रतिनिधि समझ रहा था, लेकिन पब्लिसिटी के लिए इस तरह की स्टंटबाज़ी कर रहे हैं। अगर दो दिनों में धनगेकर ने माफी मुझसे नही मांगी तो मैं कोर्ट में धंगेकर के खिलाफ डिफामेशन केस डालूंगा। मुझे इस केस के बारे में कुछ नहीं पता था।हसन मुश्रीफ ने आगे कहा कि आज जब मुझे मीडिया में धंगेकर के आरोप का पता चला तो मैं तुरंत अपना स्टैंड रख रहा हूं। मेरी पुलिस टीम से गुजारिश है कि वो मेरी, दोनों आरोपी डॉक्टर्स और विधायक धंगेकर के फ़ोन की जांच करें। लोकसभा चुनाव में हार के डर को देखते हुए कांग्रेस विधायक धंगेकर यह झूठे आरोप लगा रहे। मुझे उम्मीद है कि चुनाव में जनता ने इन्हें सबक सिखाया होगा।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पुणे एक्सीडेंट मामले में उस रात एनसीपी अजीत पवार गुटके विधायक सुनील टिंगरे पुलिस स्टेशन गए थे, जिसको लेकर विपक्ष कई सवाल खड़े कर रहा है। फिलहाल गिरफ्तार किए गए डॉक्टरों से पूछताछ की जा रही है। साथ ही पुलिस इस दृष्टिकोण से भी जांच कर रही है कि क्या इस मामले में क्या कोई राजनीतिक दबाव भी था? ऐसे में अहम सवाल यह उठता है, कि क्या अब सुनील टिंगरे की भी मुसीबतें बढ़ सकती हैं?
प्राप्त जानकारी के अनुसार बता दे की पुलिस ने इस मामले में ससुन हॉस्पिटल के 2 डॉक्टर्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, पुणे के ससून अस्पताल के इन्हीं दो डॉक्टरों ने नाबालिग का ब्लड सैंपल बदला था, जिससे सैंपल में अल्कोहल की मात्रा नहीं पाई गई थी। जानकारी के मुताबिक, दुर्घटना को अंजाम देने वाले नाबालिग को 19 मई को मेडिकल जांच के लिए पुणे के ससून सरकारी अस्पताल ले जाया गया था। इसी दौरान नाबालिग के परिजनों ने डॉक्टर्स को पैसों का लालच दिया। डॉ. अजय तावरे की ससून अस्पताल में फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी के प्रमुख हैं। साथ ही डॉ. श्रीहरि हरलोल इमरजेंसी विभाग में मुख्य चिकित्सा अधिकारी हैं। श्रीहरि हरलोल ने लड़के का ब्लैड सैंपल लिया था, लेकिन यह महसूस होने के बाद कि इसमें अल्कोहल हो सकता है। इसे बदलने का निर्णय लिया गया।
बता दे की इस अपराध को छुपाने के लिए खास तौर पर छुट्टी पर चल रहे डॉक्टर अजय तावरे ने हस्तक्षेप किया। इसके बाद वो ब्लड सैंपल जो दूसरे मरीज ने जांच के लिए दिया था, उससे बदल दिया। पर पुणे पुलिस ने नाबालिग के खून के नमूने को डीएनए टेस्ट के लिए दूसरे लैब में भेजा था, जब वहां जांच की गई तो ब्लड सैम्पल बदलने की बात सामने आई थी।
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