गर्भाशय खिसकने पर योग करना चाहिए या नहीं, एक्सपर्ट से जानें

गर्भाशय महिलाओं के शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो गर्भधारण करने और फिर भ्रूण को सुरक्षित रखने में मदद करता है। आपको बता दें कि गर्भाशय की दीवारें मांसपेशियों और ऊतकों से बनी होती हैं। इसके अतिरिक्त, मासिक धर्म चक्र के दौरान गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा अंडे को निषेचित करता है। जब एक महिला गर्भधारण करती है,जो गर्भाशय भ्रूण का पालन करता है। हालांकि, महिलाओं को अपने जीवन में बच्चेदानी से जुड़ी कई समस्याओं से जूझना पड़ता है। इसमें बच्चेदानी खिसकने की समस्या भी एक है। जब बच्चेदानी खिसकती है, तो डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करना चाहिए। लेकिन कई लोग बच्चेदानी खिसकरने पर योग करने की भी सलाह देते हैं। क्या बच्चेदानी खिसकने पर वाकई योग करना चाहिए। आइए, योगा एक्सपर्ट से जानते हैं बच्चेदानी खिसकने पर योग करना चाहिए या नहीं-

बच्चेदानी खिसकने पर योग करना चाहिए या नहीं?

योगा एक्सपर्ट बताती हैं कि बच्चेदानी खिसकने पर योग करना चाहिए या नहीं, यह तो कारण पर निर्भर करता है। हालांकि, बच्चेदानी खिसकने पर योग करना फायदेमंद होता है। इस दौरान कीगल एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा भी कुछ योगासनों का सहारा लिया जा सकता है।

बच्चेदानी खिसकने पर कौन-सा योगासन करें?

1. सेतुबंधासन- बच्चेदानी खिसकने पर आप सेतुबंधासन का अभ्यास कर सकते हैं। इस आसन को आसानी से किया जा सकता है। इसे करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को बगल में रखें। इसके बाद धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़कर हिप्स को पास लाएं। फिर हिप्स को फर्श यानी जमीन से ऊपर की तरफ उठाएं। सांस लें और कुछ देर तक इसी स्थिति में रहें। फिर सांस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में आ जाएं।

2. सर्वांगासन- बच्चेदानी खिसकने पर आप सर्वांगासन की प्रैक्टिस भी कर सकती हैं। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। अपने पैरों, कूल्हों और कमर को उठाएं। फिर आपके शरीर का सारा भार कंधों पर आ जाएगा। अपनी पीठ को हाथों से सहारा दें। अब कोहनियों को पास लाएं और हाथों से कंधों को सहारा दें। अपनी कमर और पैरों को सीधा रखें। इससे आपके शरीर का सारा वजन कंधों और हाथों के ऊपरी हिस्से पर होगा। आप इस आसन में 30-60 सेकेंड तक रुक सकते हैं। इस दौरान लंबी गहरी सांस लें और छोड़ते रहें।

3. भद्रासन- अगर बच्चेदानी खिसक गई है, तो आप भद्रासन का अभ्यास कर सकती हैं। इस आसन को करने के लिए पैरों को फैलाकर बैठें। अब पैरों को मोड़ते हुए अपने दोनों पैरों के तलवों को एक साथ लगा लें। इसके बाद हाथों से अपने पैरों को पकड़ लें। इस दौरान रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। फिर घुटनों को धीरे-धीरे जमीन की तरफ लगाएं। इस अवस्था में एक मिनट तक रहें। इस दौरान आप सांस लें और छोड़ें।

4. मूलबंधासन- बच्चेदानी खिसकने पर मूलबंधासन करना भी फायदेमंद होता है। मूलबंधासन करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर बैठ जाएं। इस पर घुटनों को मोड़कर बैठ जाएं। अब अपने घुटनों को धीरे-धीरे शरीर के दोनों तरफ फैलाएं। अपनी हथेलियों को ऊपर की ओर रखते हुए हाथों को घुटनों पर रखें। इसके बाद पेल्विक मसल्स पर ध्यान दें और उन्हें सिकोड़ें। फिर सांस लें और छोड़ें। इस आसन या मुद्रा में आप 3-4 मिनट तक बने रह सकते हैं।

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