साइबर सिक्योरिटी एजेंसी CERT-In ने गूगल और एपल यूजर्स किया वार्न, एक गलती से हैक हो जाएगा डिवाइस

अगर आप गूगल क्रोम का उपयोग करते हैं या फिर एपल यूजर हैं तो आप सावधान हो जाइए. भारत सरकार की साइबर सिक्योरिटी एजेंसी इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ने दोनों कंपनी के यूजर्स के लिए चेतावनी दी है. गूगल क्रोम और Apple iTunes में सरकारी एजेंसी ने गड़बड़ी का पता लगाया है. सर्ट-इन के अनुसार, इनकी वजह से साइबर हैकर्स आपके डिवाइस पर अटैक करके कण्ट्रोल अपने हाथ में ले सकते हैं.

CERT-In को गूगल क्रोम और एपल आईट्यून्स डेस्कटॉप एप्लिकेशन में खतरे मिले हैं. यह खामी हैकर्स को यूजर्स की डिवाइस में सेंध लगाने का मौका देता है. इससे हैकर्स डिवाइस के आर्बिटरेरी कोड पर कंट्रोल हासिल कर सकते हैं. मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के तहत काम करने वाली सरकारी एजेंसी ने इससे बचने का तरीका बताया है.

गूगल क्रोम में पाई गई ये खामी

CERT-In के अनुसार, गूगल क्रोम में कई गड़बड़ियां मिली हैं. Visuals और ANGLE कंपोनेंट जिन्हें यूज-आफ्टर-फ्री कहा जाता है, में एक बग मिला है. हैकर्स खास तौर पर तैयार किए HTML पेज से अटैक करते हैं, जो हीप करप्शन’ की वजह बन सकता है.

ये खामियां विंडोज और मैक के लिए 124.0.6367.201/.202 वर्जन और लिनक्स के लिए 124.0.6367.201 वर्जन से पहले डेस्कटॉप पर गूगल क्रोम यूजर्स को प्रभावित करती हैं. यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे अपने ब्राउजर को तुरंत अपडेट करें.

Apple iTunes में भी है खतरा

CERT-In ने साफ किया कि Apple iTunes में “CoreMedia कंपोनेंट में गलत जांच” के कारण खतरा आया है. एक दूर बैठा हमलावर खास तौर पर तैयार रिक्वेस्ट भेजकर इसका फायदा उठा सकता है. अगर हैकर अटैक करने में सफल होता है तो डिवाइस पर मनमाने कोड डाल सकता है.

यह समस्या 12.13.2 वर्जन से पहले विंडोज पर एपल आईट्यून्स के यूजर्स को प्रभावित करती है. CERT-In यूजर्स को एहतियातन सुरक्षा के लिए अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट करने की सलाह देती है.

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