राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा सर्वेक्षण के नाम पर मतदाताओं का पंजीकरण कराने की खबरों पर चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाया है. इसे बंद करने के निर्देश दिये गये हैं.आयोग ने गुरुवार को कहा कि राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा अपनी प्रस्तावित लाभार्थी योजनाओं के लिए विभिन्न सर्वेक्षणों की आड़ में मतदाताओं का विवरण मांगना चुनाव कानून के तहत एक भ्रष्ट आचरण है।
लोकसभा चुनाव 2024 सर्वेक्षण के नाम पर मतदाताओं के पंजीकरण पर भारत निर्वाचन आयोग बेहद सख्त हो गया है। आयोग ने सभी दलों से इसे तुरंत रोकने को कहा. चुनाव आयोग का कहना है कि मतदाताओं का विवरण मांगना चुनाव कानून के तहत एक भ्रष्ट आचरण है। इससे एक विशेष तरीके से मतदान करने की प्रेरणा पैदा होती है।चुनाव आयोग ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल और उम्मीदवार ऐसी गतिविधियों में शामिल हैं जो वैध सर्वेक्षणों और चुनाव के बाद लाभ योजनाओं के लिए लोगों को पंजीकृत करने के पक्षपातपूर्ण प्रयासों के बीच की रेखा को धुंधला कर देते हैं।
बता दे की आयोग ने एक एडवाइजरी जारी कर सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों से चुनाव के बाद किसी भी विज्ञापन, सर्वेक्षण या मोबाइल ऐप के माध्यम से लाभार्थी योजनाओं के लिए लोगों के पंजीकरण से जुड़ी किसी भी गतिविधि को तुरंत रोकने और उससे दूर रहने को कहा है।
चुनाव आयोग के अनुसार, मतदाताओं को चुनाव के बाद के लाभों के लिए पंजीकरण करने के लिए आमंत्रित करने का कार्य मतदाता और प्रस्तावित लाभ के बीच लेनदेन संबंधी संबंध की उपस्थिति पैदा कर सकता है। इससे एक विशेष तरीके से मतदान करने की प्रेरणा पैदा होती है।
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