वैश्विक कल्याण के लिए मिलकर चलने की आवश्यकता : मोदी

यूक्रेन युद्ध के कारण पैदा हुए गहरे मतभेदों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व के नेताओं से शनिवार को अपील की कि वे दुनिया भर में विश्वास में आई कमी को एक-दूसरे पर भरोसे में तब्दील करने और पुरानी चुनौतियों के नए समाधान खोजने की मिलकर कोशिश करें।

 

मोदी ने यहां ‘भारत मंडपम’ में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की शुरुआत करते हुए अपने संबोधन में कहा कि यदि दुनिया कोविड-19 को हरा सकती है, तो वह युद्ध के कारण आई विश्वास में कमी पर भी विजय प्राप्त कर सकती है।प्रधानमंत्री ने जी20 नेताओं के ‘एक पृथ्वी’ सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ”यह वैश्विक कल्याण के लिए हम सबके साथ मिलकर चलने का समय है।”

 

इस सत्र में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, सउदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा समेत कई नेताओं ने भाग लिया।मोदी ने यहां ‘भारत मंडपम’ सम्मेलन केंद्र में सभा को संबोधित करते हुए कहा, ”वैश्विक कोविड महामारी के बाद दुनिया ने विश्वास में कमी की नई चुनौती का सामना किया और दुर्भाग्य से, युद्धों ने इसे गहरा कर दिया।”

 

उन्होंने कहा, ”लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि यदि हम कोविड जैसी वैश्विक महामारी को हरा सकते हैं, तो हम विश्वास में कमी की इस चुनौती से भी पार पा सकते हैं। आज, भारत जी20 के अध्यक्ष के रूप में पूरी दुनिया से विश्वास की कमी को एक-दूसरे पर भरोसे में तब्दील करने की अपील करता है।”मोदी ने कहा, ”अब समय आ गया है, जब पुरानी चुनौतियां हमसे नए समाधान चाहती हैं और इसीलिए हमें अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के वास्ते मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना होगा।”

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में यह लोगों का जी20 बन गया है और 60 से अधिक शहरों में 200 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।उन्होंने कहा, ”वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल से लेकर उत्तर-दक्षिण विभाजन तक, खाद्य प्रबंधन से लेकर ईंधन और उर्वरक प्रबंधन तक, आतंकवाद से लेकर साइबर सुरक्षा तक, स्वास्थ्य से लेकर ऊर्जा और जल सुरक्षा तक, सभी चुनौतियों के समाधान के लिए हमें मिलकर ठोस कदम उठाने होंगे।”

 

मोदी ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता देश के भीतर और बाहर समावेशन और एकजुटता का प्रतीक बन गई है।उन्होंने कहा, ”यह भारत में लोगों का जी20 बन गया है। करोड़ों भारतीय इसमें शामिल हुए, देश के 60 से अधिक शहरों में 200 से अधिक बैठक हुईं।”जी20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या का लगभग दो-तिहाई प्रतिनिधित्व करते हैं। मोदी ने कई बार इस बात पर जोर दिया है कि इस समूह को ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज भी सुननी चाहिए।

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