मानवता का कल्याण और सुख सुनिश्चित करने के भारत के संदेश के साथ आज यहां जी 20 शिखर सम्मेलन शुरू हुआ जिसमें हर प्रकार के आपसी अविश्वास को दूर कर के सभी वैश्विक चुनौतियों के ठोस समाधान की तरफ बढ़ने का आह्वान किया गया।राजधानी नई दिल्ली में प्रगति मैदान में नवनिर्मित भारत मंडपम में भारत की अध्यक्षता में 19 देश, यूरोपीय संघ, 9 विशेष मेहमान देश, तीन क्षेत्रीय और 11 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के नेता शिरकत कर रहे हैं। एक पृथ्वी की थीम पर आयोजित सत्र में अफ्रीकी संघ को औपचारिक रूप से पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किया गया!
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेहमान नेताओं का स्वागत करते हुए अपने आरंभिक वक्तव्य में सबसे पहले मोरक्को में आये भूकंप में हताहत लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की और मोरक्को को संकट की घडी में हर संभव सहायता की पेशकश की!श्री मोदी ने कहा, ‘जी-20 के अध्यक्ष के तौर पर, भारत, आप सभी का हार्दिक स्वागत करता है। इस समय जिस स्थान पर हम एकत्रित हैं, यहाँ से कुछ ही किलोमीटर के फासले पर लगभग ढाई हजार साल पुराना एक स्तंभ लगा हुआ है।प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्तंभ पर प्राकृत भाषा में लिखा है-“हेवम लोकसा हितमुखे ति,अथ इयम नातिसु हेवम” अर्थात,मानवता का कल्याण और सुख सदैव सुनिश्चित किया जाए।’ उन्होंने कहा कि ढाई हजार साल पहले, भारत की भूमि ने, यह संदेश पूरे विश्व को दिया था। आइए, इस सन्देश को याद कर, इस जी-20 शिखर सम्मेलन का हम आरम्भ करें। इक्कीसवीं सदी का यह समय, पूरी दुनिया को नई दिशा देने वाला एक महत्वपूर्ण समय है।’
श्री मोदी ने कहा कि ये वो समय है, जब बरसों पुरानी चुनौतियां, हमसे नए समाधान मांग रही हैं। हमें मानव केन्द्रित रुख के साथ अपने हर दायित्व को निभाते हुए ही आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद विश्व में एक बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है। युद्ध ने, इस विश्वास के संकट को और गहरा किया है। जब हम कोविड को हरा सकते हैं, तो हम आपसी विश्वास पर आए इस संकट पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जी-20 के अध्यक्ष के तौर पर भारत पूरी दुनिया का आह्वान करता है, कि हम मिलकर सबसे पहले इस विश्वास के इस वैश्विक संकट को एक विश्वास, एक भरोसे में बदलें। यह हम सभी के साथ मिलकर चलने का समय है। और इसलिए, ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ का मंत्र हम सभी के लिए एक पथ प्रदर्शक बन सकता है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल हो, उत्तर दक्षिण का विभाजन को, पूर्व एवं पश्चिम की दूरी हो, खादृा, ईंधन एवं उर्वरक का प्रबंधन हो, आतंकवाद एवं साइबर सुरक्षा हो, स्वास्थ्य, उर्जा एवं जल सुरक्षा को! वर्तमान के साथ ही, आने वाली पीढ़ियों के लिए, हमें इन चुनौतियों के ठोस समाधान की तरफ बढ़ना ही होगा।
श्री मोदी ने कहा कि भारत की जी -20 अध्यक्षता, देश के भीतर और देश के बाहर, समावेशन का, “सबका साथ” का प्रतीक बन गई है। भारत में ये जनता का जी-20 बन गया। करोड़ों भारतीय इससे जुड़े। देश के 60 से ज़्यादा शहरों में 200 से ज्यादा अधिक बैठकें हुईं। सबका साथ की भावना से ही भारत ने प्रस्ताव रखा था कि अफ्रीकी संघ को जी-20 की स्थाई सदयस्ता दी जाए। ऐसा विश्वास है कि इस प्रस्ताव पर हम सब की सहमति है। इसके बाद श्री मोदी ने अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष को जी 20 के स्थायी सदस्य के रूप में स्थान ग्रहण करने के लिए आमंत्रित किया।