प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को एक निचली अदालत से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 10 दिन की हिरासत की मांग करते हुए कहा कि वह शराब घोटाले के मामले में अन्य मंत्रियों और आप नेताओं के साथ ‘मुख्य साजिशकर्ता’ थे।ईडी ने राउज एवेन्यू अदालत में विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा से कहा कि केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 बनाने और उसे लागू करने के लिए ‘साउथ ग्रुप’ से रिश्वत के तौर पर कई करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
एजेंसी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू ने अदालत में कहा कि केजरीवाल ने पंजाब चुनाव लड़ने के लिए ‘साउथ ग्रुप’ के कुछ आरोपियों से 100 करोड़ रुपये मांगे थे।उन्होंने कहा कि धन के लेनदेन से पता चला कि गोवा चुनाव में इस्तेमाल की गई 45 करोड़ रुपये की ‘रिश्वत’ चार हवाला मार्गों से आई थी।
राजू ने कहा कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) से आरोपियों और गवाहों के बयानों की पुष्टि हुई है।आम आदमी पार्टी संयोजक को अदालत परिसर में कड़ी सुरक्षा के बीच अपराह्न करीब दो बजे प्रस्तुत किया गया।इसके बाद एएसजी राजू ने अदालत से कहा, ”हमने 10 दिन की रिमांड के लिए आवेदन दिया है।”उन्होंने कहा कि ‘आप’ एक व्यक्ति नहीं बल्कि संस्था है और संस्था के आचरण के लिए जिम्मेदार हर व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
केजरीवाल का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी रख रहे हैं।आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय से याचिका वापस लिए जाने के तुरंत बाद केजरीवाल को निचली अदालत में पेश किया गया।केजरीवाल के वकील ने कहा कि वह निचली अदालत में रिमांड कार्यवाही को चुनौती देंगे और फिर एक अन्य याचिका के साथ शीर्ष अदालत में लौटेंगे।
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