कान का दर्द ज्यादातर छोटे बच्चों में ज्यादा होता है. ज़ुकाम की वजह से या एक ही करवट काफ़ी समय तक सोने से कान में दर्द होता है, जिससे बच्चे रात को अचानक उठकर रोने लगते हैं. इसके अलावा कान में मैल का ज़्यादा जम जाना, पिन या अन्य वस्तु से कान खुजलाना, कान पर चोट लगना, कान में चींटी या अन्य कीड़ा घुस जाना, गला-दांत-जीभ की बीमारियां आदि कारणों से कानों में दर्द होने लगता है. तो आइये जानते है विस्तार से।
घरेलु उपचार :-
मुलहठी को घी में मिलाकर हल्का गर्म करके कान के आसपास लेप लगाएं. दर्द से तुरंत राहत मिलेगी.
एरंडी के पत्तों को गर्म तिल के तेल में डुबोकर उससे कानों के आसपास हल्का सेंक करें.
लहसुन की आधी कली डालकर कुनकुना गर्म करके दर्द वाले कान में 4-4 बूंदें टपकाकर दूसरी करवट दस मिनट लेटे रहें.
तुलसी के पत्तों को पीसकर रस बना लें. इस रस को हल्की आंच पर रखकर थोड़ा-सा गर्म कर लें. सहने लायक होने पर 4-5 बूंदें कान में डालें. इससे कान का दर्द मिटता है.
कान से मवाद आता हो तो गुग्गुल का धुआं कान पर लें.
कान में दर्द होने पर अजवाइन के तेल में सरसों का तेल मिलाकर धीमी आंच पर गुनगुना करके कान में डालना लाभकारी होता है.
कान में दर्द होने पर लहसुन की 4-5 कलियों को मीठे तेल में आंच पर रखकर जला लें, बाद में इस तेल को छानकर एक शीशी में भर लें. सुबह-शाम इस लहसुन के तेल को कान में डालें.
कान में दर्द होने पर बाह्य रूप से कान को रुई से सेंका भी जा सकता है. कभी-कभी ठंड के कारण या बाहरी हवा के कारण भी कान में दर्द होने लगता है.
आम के ताज़े हरे पत्तों का अर्क गुनगुना करके कान में डालने से कान का दर्द दूर हो जाता है.
अदरक का रस गुनगुना करके कान में डालने से दर्द जल्दी मिटता है.
कान में चाहे कितना ही भयंकर दर्द हो, केले के तने को चाकू से छीलकर रस निकालें और हल्का गरम करके रात को सोते समय कान में डालें. उसी रात कान का दर्द समाप्त हो जाएगा.
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