छड़ी मुबारक की पूजा के साथ अमरनाथ यात्रा हुई संपन्न

श्री अमरनाथ यात्रा की छड़ी मुबारक गुरुवार तड़के पवित्र गुफा में पहुंची। छड़ी मुबारक के दर्शन के साथ अमरनाथ यात्रा संपन्न हुई। छड़ी मुबारक (चांदी की गदा) के संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरि ने आज कश्मीर हिमालय में अमरनाथ गुफा मंदिर में वार्षिक अंतिम पूजा की और अब तक की सबसे लंबी यात्रा का समापन हुआ। सूर्योदय से पहले अमरनाथ के पवित्र मंदिर में ले जाया गया। पवित्र गुफा में भगवान शंकर की पूजा के साथ ही इस वर्ष की तीर्थ यात्रा का पूजा में मुख्य दर्शन और मुख्य पूजा का अनुष्ठान भी संपन्न हो गया।

 

इस वर्ष 62 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा 01 जुलाई को शुरू हुई और 31 अगस्त (आज) संपन्न हुई। इस वर्ष 4.70 लाख से अधिक लोगों ने पवित्र गुफा में दर्शन किये। पिछले साल की यात्रा में कुल तीन लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे। इस वर्ष बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु भी अमरनाथ के पवित्र गुफा मंदिर में पहुंचे। श्री बाबा अमरनाथ की यात्रा के लिए छड़ी मुबारक बुधवार को शेषनाग से पंजतरणी के लिए हुई थी। आज पंजतरणी से छड़ी मुबारक पवित्र गुफा पहुंची और पूजा-अर्चना और दर्शन के साथ ही 62 दिन की बाबा अमरनाथ की यात्रा संपन्न हो गई।

 

आज महंत दीपेंद्र गिरि, भिक्षुओं और अधिकारियों के एक समूह के साथ छड़ी मुबारक का नेतृत्व करते हुए अंतिम पूजा के लिए भगवान शिव के पवित्र गुफा मंदिर पहुंचे। अमरनाथ यात्रा का समापन रक्षा बंधन के अवसर पर होता है, जो इस साल की अमरनाथ यात्रा के औपचारिक समापन का प्रतीक था।

 

महंत गिरि ने एक विज्ञप्ति में कहा, “छड़ी मुबारक रात्रि विश्राम के लिए कल पंजतरणी पहुंची और गुरुवार को सूर्य उदय के साथ पूर्णिमा की शुरुआत के साथ अंतिम अनुष्ठान के लिए आज तड़के गुफा मंदिर के लिए रवाना हुई।” उन्होंने कहा कि श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर गुफा मंदिर में गुरुवार सुबह पूजा शुरू हुई और दो घंटे तक चली। कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 13,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित स्वामी अमरनाथ के पवित्र मंदिर में पवित्र गदा, एक भगवान शिव की और दूसरी देवी पार्वती को लाने के लिए सदियों पुरानी परंपराओं के अनुसार वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा शुरू की गई। उन्होंने कहा, “सब कुछ ठीक रहा और पूजा अभी भी जारी है और हम अब से दो घंटे के भीतर पंजतरणी लौटेंगे।”

 

महंत गिरि ने कहा इस वर्ष प्रशासन ने यात्रा मार्गों के दोनों ओर भक्तों के लिए अभूतपूर्व व्यवस्था की और यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। पूरे रास्ते पर जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और अन्य एजेंसियों के हजारों सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। जम्मू से गुफा मंदिर तक तीर्थयात्रा के मार्ग पर हेलिकॉप्टरों और ड्रोन से तीर्थयात्रियों के काफिले की आवाजाही पर निगरानी रखी गयी है। गौरतलब है कि तीर्थयात्रियों की कम संख्या के कारण और तीर्थयात्रा के दोनों मार्गों की आवश्यक मरम्मत करने के लिए अधिकारियों ने 23 अगस्त को यात्रा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था।

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