करदाताओं के अनुपालन में सुधार के कारण अप्रैल, 2023 तक पांच वर्षों में जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या लगभग 65 प्रतिशत बढ़कर 1.13 करोड़ हो गई।वित्त मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी।माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत पंजीकृत सक्रिय करदाताओं की संख्या बढ़कर 1.40 करोड़ हो गई जो अप्रैल 2018 में 1.06 करोड़ थी।
मंत्रालय ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में फाइलिंग माह के अंत तक 90 प्रतिशत पात्र करदाता जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल कर रहे हैं। यह आंकड़ा जीएसटी लागू होने के पहले वर्ष 2017-18 में 68 प्रतिशत था।मंत्रालय ने सोशल नेटवर्किंग मंच एक्स पर पोस्ट किया, ‘जीएसटी नियमों और प्रक्रियाओं में सरलीकरण के परिणामस्वरूप पात्र करदाताओं द्वारा रिटर्न दाखिल करने का प्रतिशत बढ़ गया है।’
एक जुलाई, 2017 को राष्ट्रव्यापी जीएसटी लागू किया गया था। इसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट जैसे एक दर्जन से अधिक स्थानीय करों को शामिल किया गया था।जीएसटीआर-3बी दाखिल करने वालों की संख्या अप्रैल, 2018 में 72.49 लाख से बढ़कर अप्रैल, 2023 तक 1.13 करोड़ हो गई।
जीएसटीआर-3बी बाहरी आपूर्ति विवरण और कर भुगतान दाखिल करने के लिए मासिक रिटर्न फॉर्म है।मंत्रालय ने एक्स पर एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘जीएसटी में प्रभावी नीति और प्रणालीगत बदलावों के कारण पिछले कुछ वर्षों में जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में अनुपालन स्तर में सुधार हुआ है।’
मंत्रालय ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में रिटर्न फाइलिंग में वृद्धि अनुपालन स्तर में सुधार का संकेत देती है।नवंबर में मासिक जीएसटी संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा। चालू वित्त वर्ष में यह छठी बार है कि मासिक सकल जीएसटी संग्रह 1.60 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है।अप्रैल में जीएसटी संग्रह रिकॉर्ड 1.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था।