एक सज्जन इतने मोटे हो गए कि उनका चलना-फिरना मुश्किल हो गया।
एक बार सांस अंदर ले लें, तो छोड़ना मुश्किल और एक बार सांस छोड़ दें तो दुबारा लेना मुश्किल।
वे इस सिलसिले में डॉक्टर के पास गए तो डॉक्टर घोंचू ने कहा- भाई साहब !
मर जाएंगे आप…।
अगर जीना चाहते हो तो अच्छा-अच्छा खाना-पीना छोड़ दो।
बगैर नमक का भोजन लो और मटके का पानी पियो।
उस सज्जन ने सोचा- बेकार है ऐसा जीना…!
न खा सकता हूं, न पी सकता हूं…!
न चल सकता हूं, न फिर सकता हूं…।
इससे तो मौत अच्छी। यह सोचकर उन्होंने आत्महत्या करने के लिए 8 माले की ऊंची बिल्डिंग से नीचे छलांग लगा दी।
परंतु वे किस्मत के बड़े धनी थे…! मरे नहीं, आंख खुली तो अस्पताल में पड़े थे।
डॉक्टर घोंचू बाजू में खड़े थे।
उन्होंने पूछा- डॉक्टर साहब, क्या मैं जिंदा हूं?
डॉक्टर ने गंभीर होकर कहा- हां आप तो जिंदा है,
लेकिन वे तीनों मर गए जिन पर आप गिरे थे।😜😂😂😂😛🤣
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औरत-भैया लाल मिर्च देना,
दुकानदार चिल्लाया-अरे हरी मिर्च देना जरा
औरत-पर भाईसाहब मैंने लाल मिर्च मांगी है, जल्दी मंगाइए ,
दुकानदार-अरे हरी मिर्च ला रे जल्दी,
औरत (गुस्से में )- भैया मुझे लाल मिर्च लेनी है,
आप बार बार हरी मिर्च क्यों चिल्ला रहे है,
दुकानदार (मुस्कुराते हुए)- नाराज न होइए मैडम,
लाल मिर्च ही दे रहा हूं,
हरी तो नौकर का नाम है😜😂😂😂😛🤣
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कौन कम्बख्त कहता है की लड़के सोचते नहीं हैं ..???
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एक बार लड़की मुस्कुरा कर तो देखे …!!!!
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शेरवानी के रंग से लेकर बच्चों के नाम तक
सब सोच लेते हैं……….!!!!!!!!!!!!!!!!!😜😂😂😂😛🤣