मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने कहा कि राज्य के लिए ‘युवा’ बहुत बहुमूल्य होने के साथ साथ महत्वपूर्ण संसाधन भी हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि युवाओं की क्षमता का अधिकतम उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को मेघालय बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (एमबीओएसई) के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा,”सभी हितधारकों की जिम्मेदारी है कि वह अपनी भूमिका सुनिश्चित करें जिससे प्रत्येक युवा को कुशल, प्रतिबद्ध, देशभक्त, अनुशासित और ईश्वर में विश्वास रखने वाला नागरिक बनने के लिए पोषित और निर्देशित किया जा सके।”
उन्होंने कहा,”उत्तर प्रदेश जैसे देश के अन्य राज्यों की तुलना में मेघालय एक छोटा राज्य है इसलिए राज्य को सफलता और विकास के शिखर पर रखने के लिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम प्रतिस्पर्धा करने और विकास में योगदान देने के साथ राज्य के विकास के लिए लोगों को कुशल बनाए।”
मुख्य सचिव डीपी वहलांग ने कहा, ‘एमबीओएसई की यात्रा एक फुटबॉल मुकाबले की तरह लंबी रही है। एमबीओएसई की वर्ष 1973 में स्थापना के बाद इसे वर्ष 2006 में पुनर्गठित किया गया। अब वर्ष 2023 में हम 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। एमबीओएसई की पहली परीक्षा में 3,800 से कम विद्यार्थी बैठे थे लेकिन अब कक्षा 10वीं और 12वीं की दोनों परिक्षाओं में 80,000 से अधिक विधार्थी बैठते हैं।” उन्होंने कहा कि मेघालय की साक्षरता दर अब 80 प्रतिशत है।