भारत के सुहास यथिराज, प्रमोद भगत और कृष्णा नागर ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए रविवार को यहां पैरा बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप की क्रमश: पुरुष एकल एसएल 4, एसएल 3 और एसएच 6 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीते।पैरालंपिक रजत पदक विजेता दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी यथिराज ने एसएल 4 फाइनल में इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान को 21-18 21-18 से हराकर अपना पहला विश्व खिताब जीता।
कर्नाटक के यथिराज उत्तर प्रदेश कैडर के 2007 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने कहा, ”स्वर्ण पदक मिला, खुश हूं और विश्व चैंपियन बनकर गौरवांवित हूं।”वह वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार में युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल के सचिव और महानिदेशक हैं।चीन में पैरा एशियाई खेलों में एक स्वर्ण और दो कांस्य पदक जीतने वाले भगत ने एसएल 3 फाइनल में इंग्लैंड के डेनियल बेथेल को 14-21 21-15 21-14 से हराया।
पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता 35 वर्षीय भगत ने इस प्रकार 2015 में स्टोक मैंडविले और 2019 में बासेल के बाद खिताब की हैट्रिक पूरी की। उन्होंने 2022 तोक्यो पैरालंपिक में भी स्वर्ण पदक जीता था।एसएच6 श्रेणी में पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता कृष्णा नागर भी पुरुष एकल फाइनल में चीन के लिन नेली पर 22-20 22-20 से जीत हासिल कर चैंपियन बने।
महिला एकल एसयू5 में मनीषा रामदास ने फाइनल में चीन की यांग क्यू शिया के खिलाफ 16-21, 16-21 की शिकस्त से रजत पदक जीता।चिराग बरेठा और राज कुमार की पुरुष युगल जोड़ी तथा रचना शैलेशकुमार और निथ्या श्री सुमति सिवान की महिला युगल जोड़ी को क्रमश: एसयू5 और एसएच6 श्रेणियों में फाइनल में हारने के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा।एकल स्पर्धा में 16 खिलाड़ियों का ड्रॉ था जबकि युगल स्पर्धा में आठ जोड़ियों ने हिस्सा लिया।