जीएसटी क्रेडिट के लिए गलत दावे बड़ी चुनौती : सुशील मोदी

भारतीय जनता पार्टी के सुशील मोदी ने आज राज्यसभा में कहा कि जीएसटी क्रेडिट के लिए व्यापारियों द्वारा किये जा रहे करोड़ों रूपये के गलत दावे सरकार के लिए बड़ी चुनौती हैं। श्री मोदी ने बुधवार को सदन में केन्द्रीय वस्तु और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक 2023 पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि जीएसटी क्रेडिट के लिए बेईमानी से दावा करना सरकार के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि यह सरकार और ईमानदार कददाताओं के लिए चिंता का विषय है।

भाजपा सदस्य ने कहा कि इस तरह के व्यापारियों के क्रेडिट को सीमित किया जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने जीएसटी प्रक्रिया में पंजीकरण के लिए न्यूनतम कारोबार की राशि 40 से बढाकर 60 लाख किये जाने की भी मांग की। साथ ही अपने राज्य में ही व्यापार करने वाले करदाताओं के लिए सरलीकृत पंजीकरण प्रक्रिया भी शुरू की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जीएसटी में करोड़ों रूपये की कर वंचना को पकड़ा गया है और इन मामलों में 1400 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

श्री माेदी ने जीएसटी परिषद की सराहना करते हुए कहा कि इसमें एक निर्णय को छोड़कर सभी निर्णय सर्वसम्मति से बिना मतदान के लिये गये हैं। उन्होंने कहा कि केवल लॉटरी के मुद्दे को छोड़कर किसी मुद्दे पर कभी परिषद में मतदान नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद की अवधारणा को दूसरे मंत्रालयों में भी लागू किया जाना चाहिए।

बीजू जनता दल के अमर पटनायक ने विधेयक का समर्थन किया और कहा कि यह न्यायाधिकरण सुधार अधिनियम 2021 के अनुरूप लाया गया है। उन्होंने कहा कि अभी देश में जीएसटी से संबंधित 15 हजार अपील लंबित हैं और न्यायाधिकरण के गठन से इनका समाधान होगा। उन्होंने कहा कि न्यायाधिकरणों में रिक्तियों को भी शीघ्रता से भरा जाना चाहिए।

वाई एस आर कांग्रेस के मस्तान राव बीड़ा ने विधेयक का समर्थन करते हुए जीएसटी में कर की श्रेणियों की संख्या के अत्यधिक होने का उल्लेख किया और कहा कि इससे करदाताओं में भ्रम पैदा होता है और कर्मचारियों का काम बढता है। उन्होंने जीएसटी विवरणी भरने में दिक्कताें का उल्लेख करते हुए कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी तंत्र को मजबूत किये जाने की जरूरत है।

अन्नाद्रमुक के एम थंबी दुरै ने जीएसटी के नाम पर लोगों को परेशान किये जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार केन्द्र से जीएसटी का पैसा ले रही है लेकिन उसे कहां खर्च कर रही है इसका पता नहीं चलता। उन्होंने तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में मूसलाधार वर्षा के कारण हुए जान माल के नुकसान का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस स्थिति से ठीक से नहीं निपट रही है।