कामकाज और निजी जिंदगी के बीच संतुलन महिलाओं के लिए करियर में आगे बढ़ने की राह में एक बड़ी बाधा है। एक सर्वेक्षण से यह नतीजा निकला है।शिक्षा-प्रौद्योगिकी स्टार्टअप ‘हीरो वायर्ड’ की तरफ से कराए गए इस सर्वेक्षण के मुताबिक, 70 प्रतिशत लोगों का मानना है कि महिलाओं के लिए काम एवं जिंदगी के बीच संतुलन साधना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इससे महिलाओं का करियर विकास भी प्रभावित होता है।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 77 प्रतिशत प्रतिभागियों का मत है कि पिछले वर्षों की तुलना में नेतृत्व वाले पदों पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है।हीरो वायर्ड ने एक विज्ञप्ति में कहा कि ‘भारत में आधुनिक कार्यस्थलों में महिलाएं’ शीर्षक रिपोर्ट को दो लाख महिलाओं के बीच कराए गए सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किया गया है। यह सर्वेक्षण आठ मार्च को मनाए जाने वाले ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ से पहले आया है।
इस रिपोर्ट में एक अंतराल के बाद काम पर लौटने वाली महिलाओं को पेश आने वाली चुनौतियों का भी जिक्र किया गया है। रिपोर्ट कहती है, ‘इन महिलाओं के लिए संपर्क से बाहर महसूस करना, कौशल में गिरावट को लेकर चिंता और नौकरी के उपयुक्त अवसर तलाशने में परेशानियां जैसे कारक बड़ी बाधाएं बनकर उभरते हैं।’
रिपोर्ट के मुताबिक, करियर में दोबारा सहज होने और आगे बढ़ने की इच्छा के बावजूद ये चुनौतियां अक्सर महिलाओं को कार्यस्थल में अपनी क्षमता का पूरी तरह लाभ उठाने से रोकती हैं।हालांकि 59 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि आज के कार्यबल में महिलाओं के पास पुरुषों के समान अवसर हैं, जो कार्यस्थल समानता की दिशा में बदलती गतिशीलता को दर्शाता है।
इसके अलावा, 78 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने नेतृत्व पदों पर अधिक महिलाओं की मौजूदगी से होने वाले लाभ को स्वीकार किया। उनका मानना है कि यह कार्यस्थल संस्कृति में विविधता और समावेशन को बढ़ावा देने में योगदान देता है।हीरो वायर्ड के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी अक्षय मुंजाल ने कहा कि महिला कर्मचारियों के लिए मददगार माहौल को बढ़ावा देने, पूर्वाग्रहों को दूर करने और पेशेवर विकास के लिए अवसर प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासों की जरूरत है।