कानून और विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गुरुवार को राज्यसभा में संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण देने वाले संविधान (128 संशोधन) विधेयक 2023 को पेश करते हुए कहा कि यह महिलाओं को सामाजिक- आर्थिक सहभागिता बढ़ाने का अवसर देने वाला विधेयक है।
श्री मेघवाल ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार शुरू से नारी सशक्तिकरण के पक्ष में रही है। विकसित भारत बनाने की दिशा में नारी सशक्तिकरण आवश्यक है और यह विधेयक इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का उल्लेख करते हुए कहा कि सामाजिक आर्थिक कर के समानता लाने का प्रयास करना सरकार का कर्तव्य है। उन्होंने स्वच्छ भारत, उज्जवला, जनधन योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इन सब में नारी सशक्तिकरण को प्रमुखता दी गई है।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक से अनुच्छेद 330, 332 और 334 में अतिरिक्त प्रावधान जोड़े जाएंगे। संविधान के अनुसार महिला आरक्षण में अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं को स्वयं ही आरक्षण मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि परिसीमन और जनगणना के बाद महिला आरक्षण लागू हो जाएगा। इसे लागू करने के लिए न्यायोचित और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।