क्लोरोफिल स्वास्थ्य के लिए क्यों फायदेमंद है और क्या हैं प्राकृतिक स्रोत

क्लोरोफिल ज्यादातर हरी सब्जियों में पाया जाता है वहीं कुछ लोग इसका सेवन हेल्थ सप्लीमेंट के रूप में करते हैं। आपने बचपन में पढ़ा होगा कि ज्यादातर पत्तियों का हरा रंग क्लोरोफिल के कारण होता है। लेकिन आप ये नहीं जानते होंगे कि क्लोरोफिल आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होता है और कई बीमारियों से बचाता है। पौधों के जीवन के लिए क्लोरोफिल महत्वपूर्ण है क्योंकि पौधे सूरज की रोशनी की मदद से क्लोरोफिल द्वारा भोजन बनाते हैं। मगर यही क्लोरोफिल हमारे लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। आइए आपको बताते हैं शरीर के लिए कितना फायदेमंद है क्लोरोफिल और किन आहारों से ये आपको मिलेगा।

क्यों फायदेमंद है क्लोरोफिल
क्लोरोफिलयुक्त आहारों का सेवन शरीर के लिए फायदेमंद होता है। कई मेडिकल शोधों में ज्ञात हुआ है कि क्लोरोफिल के सेवन से त्वचा रोगों, शरीर की बदबू और कैंसर जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है। इसके अलावा क्लोरोफिल में एंटी-एजिंग गुण होते हैं इसलिए इसके सेवन से आप लंबे समय तक जवान बने रहते हैं। क्लोरोफिल के सेवन से कील-मुंहासों और चेहरे के दाग-धब्बों से भी छुटकारा मिलता है।

खून बढ़ाता है क्लोरोफिल
अगर केमिकल गुणों को देखें तो क्लोरोफिल, हीमोग्लोबिन के बराबर है, यानी क्लोरोफिल के सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी को दूर किया जा सकता है और एनीमिया और थैलेसीमिया जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है। इसके अलावा क्लोरोफिल के सेवन से आपके शरीर में एनर्जी लेवल लंबे समय तक बरकरार रहता है और बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा घटती है।

किन आहारों से मिलता है क्लोरोफिल
ज्यादातर हरी सब्जियों में क्लोरोफिल भरपूर मात्रा में पाया जाता है जैसे- पालक, सरसों का साग, करेला, मूली की पत्तियां, ब्रोकली, पत्ता गोभी, मटर आदि। इन सभी सब्जियों को अपने आहार में शामिल करने से आपको अच्छी मात्रा में क्लोरोफिल मिलता है। क्‍लोरोफिल एक ऐन्टीडिप्रेसन्ट का भी कार्य करता है इसलिए आपको अपने सलाद में इसे शामिल करना बहुत जरुरी है।

व्हीट ग्रास (गेंहू की घास) है सबसे बेहतर स्रोत
व्हीट ग्रास को क्लोरोफिल का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। हेल्थ सप्लीमेंट के रूप में क्लोरोफिल बनाने के लिए व्हीट ग्रास का ही पाउडर बनाया जाता है। व्हीट ग्रास के पाउडर में पाये जाने वाले क्लोरोफिल के उच्च स्तर को शरीर आसानी से अवशोषित कर लेता है, जिससे खून की मात्रा में वृद्धि होती है और हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ जाता है। बढ़ा हीमोग्लोबिन रक्त को अधिक ऑक्सीजन के संचरण को संभव बनाकर शरीर को ऊर्जावान बनाता है। इस प्रकार, यह लाल रक्त कोशिकाओं के गठन में मदद करता है। इसके अलावा क्लोरोफिल, रेडिएशन के हानिकारक प्रभावों को कम करने में मदद करता है।

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