इस साल जून महीने में एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और ये शख्स था खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर। निज्जर हत्याकांड ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के कनेक्शन को लेकर सवाल उठाए हैं। पीएम जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर को कनाडा का नागरिक बताते हुए इस मामले में वहां की सुरक्षा एजेंसियों के जांच करने की बात भी कही है। संबंधों को दांव पर लगाते हुए जिस निज्जर की मौत के लिए ट्रूडो भारत सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं, उसे भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने भगोड़ा और डेजिग्नेटिड टेरेरिस्ट यानी आतंकवादी घोषित कर रखा था। एनआईए ने भगोड़े निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह करने की कोशिश करने वाली जमात में निज्जर का नाम काफी आगे था।
कौन था हरदीप सिंह निज्जर हरदीप सिंह निज्जर भारतीय एजेंसियों की मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल था। भारत में हिंसा और क्राइम के कई केसों में उसका नाम सामने आया था, जिसके बाद उसे वांटेड आतंकी की लिस्ट में डाला गया था। हरदीप निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का चीफ था। वह मूल रूप से पंजाब के जालंधर जिले के शाहकोट के नजदीकी गांव भारसिंहपुर का रहने वाला था और लंबे समय से कनाडा रह रहा था। इस तरह बना कनाडा का नागरिक कनाडाई मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक निज्जर 1997 में फर्जी पासपोर्ट के जरिए शरणार्थी बनकर कनाडा पहुंचा था। शरण के लिए दी गई उसकी अर्जी को खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके ठीक 11 दिन बाद उसने कनाडाई मूल की एक महिला से शादी कर ली। हालांकि, इस शादी का मकसद सिर्फ कनाडा की नागरिकता हासिल करना ही था।
कैसे हुई थी निज्जर की हत्या निज्जर 90 के दशक से कनाडा में ही रहकर खालिस्तानी आतंकवाद को हवा दे रहा था। जून 2023 में कनाडा के सुर्रे में निज्जर की हत्या हुई थी। निज्जर को मंदिर की पार्किंग में उसके ट्रक में गोली मारी गई थी। कनाडा की सुरक्षा एजेंसियों की शुरुआती जांच के मुताबिक निज्जर को दो हमालवारों ने गोली मारी थी। घटनास्थल के पास ही तीसरा शख्स एक गाड़ी लेकर खड़ा हुआ था। वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर इस गाड़ी में सवार होकर फरार हो गए थे. इस मामले में अब तक किसी भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
निज्जर पर लगे थे ये बड़े आरोप
- निज्जर पर 2022 में पंजाब के जालंधर में हिंदू पुजारी की हत्या की साजिश रचने का आरोप था।
- साल 2007 में लुधियाना के श्रृंगार सिनेमा में हुए ब्लास्ट में निज्जर का नाम था. इसमें 6 बेकसूर मारे गए थे।
- उस पर अगस्त 2009 में राष्ट्रीय सिख संगत प्रमुख रूलदा सिंह की गोली मारकर हत्या करने का आरोप था।
- पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह हत्याकांड में शामिल जगतार सिंह तारा को 2012 में 10 लाख रुपये उपलब्ध कराए थे।
- निज्जर के लिए इंटरपोल का नोटिस भी जारी किया गया था. वह गुरुपतवंत सिंह पन्नू के आतंकी संगठन एसएफजे से जुड़ा हुआ था।
तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन ने पीएम ट्रूडो को सौंपी थी आतंकियों की लिस्ट फरवरी 2018 में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो भारत आए थे। इस दौरान उन्होंने अमृतसर में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी मुलाकात की थी। तब कैप्टन ने ट्रूडो को खालिस्तानी आतंकियों की एक लिस्ट सौंपी थी। इस लिस्ट में हरदीप सिंह निज्जर के अलावा गुरजीत सिंह चीमा, मलकीत सिंह, गुरजिंदर सिंह पन्नू, मनदीप सिंह और गुरप्रीत सिंह प्रीत के नाम शामिल थे।
एनआईए की एफआईआर में भी था निज्जर का नाम खालिस्तानी आतंकी निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का प्रमुख था। उसने 2014 में पांच लोगों के साथ मिलकर खालिस्तान टाइगर फोर्स की स्थापना की थी। भारत में जब कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन चल रहा था, उस दौरान विदेश में भारतीय दूतावासों के बाहर खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस के आतंकियों ने प्रदर्शन किया था। इस मामले में एनआईए ने भारत सरकार के खिलाफ भावनाओं को भड़काने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर के मुताबिक आरोपियों ने भारत सरकार के खिलाफ जमीनी अभियानों और दुष्प्रचार के लिए भारी मात्रा में धन जमा किया, जिसका मकसद लोगों को विदेश में भारतीय दूतावासों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए अकसाने में किया गया। इसमें 3 आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून, परमजीत सिंह पम्मा और हरदीप सिंह निज्जर का नाम शामिल था, जबकि चौथे कॉलम में भारत सरकार के खिलाफ साजिश रचने वाले अज्ञात आतंकवादियों को शामिल किया गया था।