हल्दी का उपयोग भारतीय रसोई में सैकड़ों वर्षों से किया जा रहा है। हल्दी में कई औषधीय गुण होते हैं और उचित मात्रा में इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। आमतौर पर लोग पीले रंग के हल्दी पाउडर आदि का इस्तेमाल खाना पकाने और कई अन्य औषधीय प्रयोजनों में करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हल्दी की एक और प्रजाति भी होती है और उसका रंग सफेद होता है?सफेद हल्दी में भी सामान्य पीली हल्दी की तरह कई औषधीय गुण होते हैं। सफेद हल्दी को अम्बा हल्दी के नाम से भी जाना जाता है। यह दिखने में अदरक और हल्दी के समान होता है और इसके पाउडर का उपयोग आयुर्वेदिक तरीकों में विभिन्न रोगों के लिए किया जाता है। हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन इसे स्वास्थ्य के लिए बहुत शक्तिशाली बनाता है, इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। आइए जानते हैं सफेद हल्दी के औषधीय उपयोग और इसके फायदों के बारे में।
सफेद हल्दी के फायदे- अम्बा हल्दी या सफ़ेद हल्दी कई मायनों में सामान्य पीली हल्दी से अलग होती है। इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में काफी सालों से किया जा रहा है। सफ़ेद हल्दी में कई रासायनिक तत्व जैसे स्टार्च, कर्क्यूमिन, शुगर, टियांन, स्टार्च, सैपोनिन, रेजिन, और फ्लेवोनोइड आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो कि कई तरह की समस्याओं में बेहद फायदेमंद माने जाते है। मूल रूप से भारत और इंडोनेशिया में पाई जाने वाली सफ़ेद हल्दी के फायदों को देखते हुए अब यह विदेशों में भी उगाई जाती है। सफ़ेद हल्दी से होने वाले स्वास्थ्य लाभ कुछ इस प्रकार से हैं।
1. पाचन के लिए फायदेमंद- सफ़ेद हल्दी से उपयोग से पेट की कई समस्याओं में फायदा मिलता है। पाचन तंत्र से जुड़ी तमाम समस्याओं में यह बेहद फायदेमंद होती है। सफ़ेद हल्दी का तेल और इसका पाउडर पेट दर्द से लेकर, अपच, मरोड़, पीट के कीड़े और दस्त आदि में भी फायदेमंद होता है। पेट के अल्सर में भी इसका औषधीय इस्तेमाल किया जाता है।
2. एंटी एलर्जिक- सफ़ेद हल्दी या अम्बा हल्दी के तेल में एंटी एलर्जिक गुण पाए जाते हैं। इसमें मौजूद Curcuminoids एलर्जी से जुड़ी समस्याओं में बेहद उपयोगी माना जाता है। इसके इस्तेमाल से स्किन से जुड़ी एलर्जी की समस्याओं को कम करने में सहायता मिलती है। हल्दी के एंटीऑक्सिडेंट गुण संक्रमण और एलर्जी से लड़ने में सहायक होते हैं।
3.सांस से जुड़ी समस्या में उपयोगी- सांस से जुड़ी समस्याओं में सफ़ेद हल्दी का इस्तेमाल सैकड़ों सालों से किया जाता है। आयुर्वेद के हिसाब से शरीर में कफ की अधिकता सांस से जुड़े रोगों को जन्म देती है। सर्दी, खांसी और दमा जैसी समस्याओं में सफ़ेद हल्दी का इस्तेमाल बेहद लाभकारी होता है।
4. सूजन और दर्द में फायदेमंद- सफ़ेद हल्दी में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते है। इसका इस्तेमाल सूजन, घाव और स्किन से जुड़ी कई अन्य समस्याओं में भी किया जाता है। सफ़ेद हल्दी का इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा में आंत से जुड़ी गंभीर बीमारियों में भी किया जाता है। फेफड़ों के लिए भी इसे काफी अच्छा माना गया है।
5. कैंसर से बचाव में फायदेमंद- सफ़ेद हल्दी में एंटी कैंसर गुण होते हैं। सफ़ेद हल्दी कैंसर जैसी घातक बीमारियों के खतरे को कम करने में बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह कैंसर के मेटास्टेस को एक अंग से दूसरे अंग में जाने से रोकने में प्रभावशाली होता है। सफ़ेद हल्दी में एंटीऑक्सिडेंट गुण पाए जाते हैं इसलिए इसे कैंसर जैसी बीमारियों को कम करने में फायदेमंद माना जाता है लेकिन इस बात को सिद्ध करने के लिए कोई ठोस शोध अभी मौजूद नही है।
इसके अलावा सफ़ेद हल्दी के कई अन्य औषधीय लाभ होते हैं। सफ़ेद हल्दी के कुछ प्रमुख पारंपरिक उपयोग और स्वास्थ्य लाभ इस प्रकार से हैं।
- सफ़ेद हल्दी के जड़ का उपयोग पेट की समस्या में किया जाता है।
- मासिक धर्म से जुड़ी दिक्कतों और उल्टी की समस्या में इसका इस्तेमाल होता है।
- सफ़ेद हल्दी मूत्र से जुड़ी बीमारियों में फायदेमंद मानी जाती है।
- सर्दी, जुकाम और बुखार के उपचार में इसका पारंपरिक इस्तेमाल होता है।
- सांस से जुड़ी समस्या और अस्थमा जैसे रोग में फायदेमंद माना जाता है।
- पेट की चर्बी कम करने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है।
- थाई भोजन को बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
आयुर्वेद में कई ऐसे जड़ी-बूटी और औषधियां हैं जिनका इस्तेमाल सैकड़ों वर्षों से किया जा रहा है। सफ़ेद हल्दी में अनेक औषधीय गुण मौजूद होते है जिसकी वजह से यह एक असरदार आयुर्वेदिक औषधि मानी जाती है। किसी भी समस्या में इसका इस्तेमाल करने से पहले आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह और मार्गदर्शन बेहद जरूरी है।
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