इजरायल और ईरान के बिच चल रहे जंग में ईरान का कौन सा मुस्लिम देश देगा साथ? और किस ओर रहेगा भारत

मिडिल ईस्ट के दो देश इस समय युद्ध के मुहाने पर आ खड़े हुए हैं. कुछ खबरों के मुताबिक ऐसा बताया जा रहा है कि अगले दो दिनों में Iran Israel पर हमला करने वाला है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि Israel पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की तैयारी चल रही है. ऐसे में भारत, अमेरिका, फ्रांस समेत छह मुल्कों ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी कर दी है और दोनों देशों की यात्रा करने से बचने को कहा है.

Syrian की राजधानी Damascus में एक अप्रैल को Israel ने हमला किया, जिसमें एक टॉप ईरानी जनरल और छह अन्य सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई. Iran ने सीधे तौर पर इस हमले के लिए Israel को जिम्मेदार बताया है, मगर तेल अवीव ने न तो हमले की जिम्मेदारी ली और न ही इस पर कुछ कहा. Israeli जहाजों ने Damascus में ईरानी महावाणिज्य दूतावास पर हमला किया था. माना जा रहा है कि इस हमले का बदला लेने के लिए Iran अब हमले की तैयारी कर रहा है.

Iran के साथ कौन कौन से मुस्लिम देश खड़े होंगे?

Israel के साथ बढ़ रही दुश्मनी की वजह से एक सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि अगर मिडिल ईस्ट में युद्ध छिड़ता है, तो Iran के साथ कौन कौन से मुस्लिम देश Iran का साथ देंगे. भले ही ईरान की मिडिल ईस्ट के सबसे बड़े मुस्लिम देश सऊदी अरब से टेंशन रही है, लेकिन कई अरब मुल्क उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं. अगर इजरायल के साथ जंग होती है तो इराक, सीरिया, लेबनान, तुर्किए, कतर, जॉर्डन जैसे अरब मुस्लिम मुल्क ईरान के पक्ष में खड़े नजर आएंगे.

जंग में Iran का साथ दे सकते हैं ये मुल्क

मुस्लिम देशों के अलावा भी कई ऐसे देश हैं, जो Iran के साथ इस जंग में खड़े हो सकते हैं. इन मुल्कों में सबसे बड़ा नाम रूस का है, जो Iran का सबसे ज्यादा सहयोगी है. रूस हमेशा उस हर मुल्क के साथ खड़ा होता है, जिसकी दुश्मनी अमेरिका के साथ रही हो. Iran और अमेरिका की दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है और यही वजह है कि रूस तेहरान को सपोर्ट करेगा. वह उत्तर कोरिया, चीन और मध्य एशिया के कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान जैसे मुल्कों को भी ईरान के पक्ष में खड़ा करवा सकता है.

India इस जंग में किसके साथ खड़ा हो सकता है?

अब यहां सबसे बड़ा सवाल याग उठता है कि अगर जंग होती है तो India का पक्ष क्या रहेगा. India हमेशा उन मुल्कों में शामिल रहा है, जो हमेशा से जंग के हालात में तटस्थता की नीति अपनाता है. ऐसा ही इस युद्ध में भी देखने को मिल सकता है. India के Israel और Iran दोनों ही मुल्कों से अच्छे रिश्ते हैं, जिन्हें वह जंग के हालात में बिगाड़ना नहीं चाहेगा. अगर जंग होती है तो India तटस्थता के रास्ते पर चलते हुए दोनों मुल्कों से शांति बरतने की अपील कर सकता है.

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